यूक्रेन: रूस के सिलसिलेवार हमले, 'असहनीय पीड़ा' से गुज़र रहे हैं लोग

UN
बुधवार, 11 सितम्बर 2024 (16:14 IST)
यूक्रेन की राजधानी कीव में रूस के मिसाइल हमलों से भारी नुक़सान का एक दृश्य। लोग मलबा हटाने के साथ-साथ, जीवितों की तलाश भी कर रहे हैं।

हाल के कुछ दिनों में यूक्रेनी शहरों पर रूसी सैन्य बलों के सिलसिलेवार मिसाइल व ड्रोन हमलों की पृष्ठभूमि में सुरक्षा परिषद की मंगलवार को एक अहम बैठक हुई है। मानवतावादी मामलों के लिए यूएन की कार्यवाहक प्रमुख जॉयस म्सूया ने सदस्य देशों को बताया कि निरन्तर हमलों व विशाल मानवीय आवश्यकताओं से जूझ रहे यूक्रेनी नागरिकों की पीड़ा असहनीय स्तर पर पहुंच गई है और युद्ध का अन्त करके इसे रोका जाना होगा।

इस बैठक का अनुरोध यूक्रेन की ओर से किया गया था और इसे सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों, इक्वाडोर व फ़्रांस का समर्थन प्राप्त था। मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन की कार्यवाहक प्रमुख जॉयस म्सूया ने मंगलवार को 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधियों को यूक्रेन में हालात से अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि ढाई वर्ष पहले युद्ध शुरू होने के बाद से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। मृतक आंकड़ा बढ़ रहा है। मानव पीड़ा असहनीय स्तरों पर जारी है।

एक अनुमान के अनुसार 24 फ़रवरी 2022 को रूसी सैन्य बलों के पूर्ण आक्रमण के बाद से अब तक 11 हज़ार 700 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है और 24 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं। देश में एक करोड़ यूक्रेनी नागरिक अपने घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं।

कार्यवाहक अवर महासचिव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन में बड़े पैमाने पर मिसाइल व ड्रोन हमले किए गए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में आम लोग हताहत हुए हैं। इनमें बच्चे भी हैं। साथ ही, अति-आवश्यक बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुंची है।

भय का माहौल : जॉयस म्सूया के अनुसार यूक्रेन में लाखों लोग, हर दिन मौत विध्वंस व हमले के डर के माहौल में जीवन गुज़ार रहे हैं। दोनेत्स्क व ख़ारकीव के अग्रिम मोर्चे वाले इलाक़ों में आम नागरिकों पर सर्वाधिक असर हुआ है, मगर ड्निप्रो, कीव, लिविव, पोलतावा समेत अन्य शहरों में भी हमले हुए हैं।

यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमले जारी रहने से बिजली आपूर्ति की क्षमता पर असर हुआ है, जिससे देश में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। इससे अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में कामकाज पर असर हुआ है और बच्चों की शिक्षा में व्यवधान आया है।

उन्होंने कहा कि मानवीय राहतकर्मियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद संयुक्त राष्ट्र ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत पहुँचाने में जुटा है। 2024 के आरम्भिक सात महीनों में 62 लाख से अधिक लोगों को मानवीय सहायता प्रदान की गई है।

नए इलाक़ों में लड़ाई : कार्यवाहक अवर महासचिव ने बताया कि यूक्रेन व रूस की सीमा के दोनों ओर लड़ाई अब नए इलाक़ों में फैल रही है जोकि चिन्ताजनक है। रूसी महासंघ के कुर्स्क में यूक्रेन ने 6 अगस्त को अपना सैन्य अभियान शुरू किया, जिसके बाद सवा लाख से अधिक आम नागरिकों को वहां से हटाया गया है।

समाचार माध्यमों के अनुसार आम नागरिक हताहत हुए हैं और नागरिक प्रतिष्ठानों को क्षति पहुंची है। इसके मद्देनज़र उन्होंने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के अनुरूप, नागरिकों व प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की पुकार लगाई है।

जॉयस म्सूया ने कहा कि राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुख, यूएन महासभा के 79वें सत्र के दौरान उच्चस्तरीय खंड में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं। उससे ठीक पहले उनकी सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों व सभी देशों से अपील है कि हर उस अवसर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जिससे आम नागरिकों के जीवन की रक्षा और युद्ध का अन्त हो सके।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Election Results 2024 : महाराष्ट्र में 288 में महायुति ने जीती 230 सीटें, एमवीए 46 पर सिमटी, चुनाव परिणाम की खास बातें

Maharashtra elections : 1 लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वालों में महायुति के 15 उम्मीदवार शामिल

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

पंजाब उपचुनाव : आप ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत दर्ज की

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

अगला लेख