उप्र चुनाव : छठे चरण में माननीयों की प्रतिष्ठा दांव पर

संदीप श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश में अब छठे चरण का चुनाव होना है, जिसमें सात जिलों की 49 सीटों में प्रदेश के जिन माननीयों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है वे हैं भाजपा के सांसद योगी आदित्य नाथ, बसपा के पूर्व विधान परिषद् अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय, सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे जो कि सपा छोड़ अब बसपा में आ गए अम्बिका चौधरी, सपा में ही मंत्री रहे नारद राय भी पार्टी छोड़ बसपा में शामिल हुए, बाहुबली मुख़्तार अंसारी व अफजल अंसारी, सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव राम गोविन्द चौधरी व बलराम यादव हैं। 
छठे चरण का चुनाव चार मार्च को होगा जिसके लिए बड़े-बड़े राजनीतिक धुरंधर अपने-अपने तरह से चुनावी हवा का रुख तैयार कर रहे हैं जिससे बाजी उनके हाथ में एक बार फिर से आ जाए। हवा के रुख के साथ मतदाता का क्या रुख होगा, यह तो 11 मार्च को परिणाम आने पर ही पता चलेगा। 
 
छठे चरण के चुनाव में गोरखपुर व आजमगढ़ मंडलों के सात जिले महराजगंज गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ व बलिया जिलों की 49 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा, छठे चरण के मतदान में जिन सात जिलों की 49 सीटों पर चुनाव होना है। सपा को इस बार प्रतिष्ठा बचाने एवं जबरदस्त चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि विगत 2012 के विधानसभा चुनाव में 49 सीटों में से 27 सीटें सपा, 9 सीटें बसपा, 7 भाजपा, 4 कांग्रेस व दो अन्य के खाते में गई।
 
इस बार के चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन भी है, उसके बाद भी सपा की राहें आसान नहीं हैं, वहीं गोरखपुर व आसपास के जिलों में अपनी जबरदस्त पकड़ रखते हुए भाजपा के फायर ब्रांड नेता व सांसद योगी आदित्य नाथ अपने पूरे दमखम में अपना दबदबा किसी प्रकार से कम होने नहीं देंगे, वहीं बसपा में अपने दल कौमी एकता दल सहित बाहुबली मुख़्तार अंसारी भी जेल में रहते हुए चुनाव के मैदान में चुनाव लड़ रहे व उनके भाई अफजल अंसारी का भी मऊ जिला व उसके आसपास के क्षेत्रों में दबदबा कम नहीं है और न ही वे उसे कम होने देंगे। कुल मिलाकर इस चरण का मुकाबला त्रिकोणात्मक नजर आ रहा है। अब मतदाता किससे क्या हासिल करते हैं, इसके लिए थोड़े इंतजार कीजिए। 

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