साइकिल ‘खटारा’ और हाथी हो चला ‘बूढ़ा’ : राजनाथ सिंह

Webdunia
गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017 (19:20 IST)
आजमगढ़ (उप्र)। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश की बदहाली के लिए सपा और बसपा की सरकारों को दोषी ठहराते हुए कहा कि ‘साइकिल’ अब खटारा हो चुकी है जबकि हाथी ‘बूढ़ा’ हो चला है।
राजनाथ ने यहां एक चुनावी सभा में आरोप लगाया, ‘सपा, बसपा और कांग्रेस ने यूपी को कीचड़ में धकेल दिया है और उस कीचड में कमल खिलाने के लिए भाजपा को मजबूत बनाने की जरूरत है। प्रदेश में सपा, बसपा और भाजपा की सरकारें रही हैं लेकिन सपा और बसपा के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे लेकिन भाजपा के किसी भी मंत्री और मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा।’
 
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहते हैं कि काम बोलता है लेकिन उनको समझ नहीं है कि काम बोलता नहीं बल्कि दिखता है। प्रदेश में साइकिल खटारा हो चुकी है और हाथी बूढा हो गया है...अखिलेश की दलील है कि मुझे चाचा और पापा ने काम नहीं करने दिया लेकिन फिर भी कहते हैं कि काम बोलता है, यानी चित भी मेरी और पट भी मेरी।
 
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए राजनाथ ने कहा कि पहली बार कांग्रेस के एक नौजवान ने महीनों खाट सभा की। खाट सभा के माध्यम से प्रदेश सरकार पर हमला बोला लेकिन आज वही दोनों एक साथ हैं। इन्हें भी समझ नहीं है कि खाट सोने के लिए होती है, सभा के लिए नहीं।
 
गृहमंत्री ने दावा किया कि मोदी सरकार में लगातार विकास के कार्य हो रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसा पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार के समय में हुए हैं। आज भाजपा शासित राज्यों में किसानों का ब्याज पूरी तरह माफ है। अगर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे और शून्य ब्याज पर उन्हें ऋण मुहैया कराया जाएगा। 
 
केन्द्र की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्टाइक एक महत्वपूर्ण कदम था। हम सभी पड़ोसी देशों से अच्छे और मधुर रिश्ते चाहते हैं, इसलिए हमने मोदी सरकार के शपथ के दिन सभी पड़ोसी देशों के राष्टाध्यक्षों को आमंत्रित किया था पाकिस्तान के नवाज शरीफ को भी बुलाया था। 
 
राजनाथ ने कहा कि शरीफ को केवल हाथ मिलाने के लिए नहीं बल्कि दिल मिलाने के लिए बुलाया था लेकिन शरीफ पता नहीं क्या हो गया है। उन्होंने कहा कि अब हमने सेना के अधिकारियों से कह दिया है कि पहले हम संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं करेंगे यानी एक भी गोली नहीं चलाएंगे लेकिन अगर उधर से एक भी गोली चली तो फिर इधर से गोलियां नहीं गिनी जानी चाहिए। हम किसी को छेड़ते नहीं लेकिन अगर कोई हमें छेड़ता है तो हम उसे छोड़ते नहीं। (भाषा) 
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