AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए उत्तरप्रदेश के जिलों में जनसभा कर रहे है। रविवार को उन्होंने गाजियाबाद जिले के मसूरी क्षेत्र में जनसभा के दौरान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर शब्दों के तीर छोड़े। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से डरते हैं, इसलिए चीन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
ओवैसी ने कहा कि जब भी देश में बुरा समय आता है तो हमारे प्रधानमंत्री मोदी गहरी नींद सो जाते हैं और जैसे ही चुनाव की डुगडुगी बजती है तो प्रधानमंत्री मोदी नई-नई योजनाएं लेकर जनता को प्रलोभन देकर लुभाने की कोशिश करते हैं। कोरोना काल में जहां लोगों को ऑक्सीजन, दवाई और बेड नहीं मिल रहे थे, ऐसे में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण प्रधानमंत्री ने अकेले यूपी में पांच नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर दी।
ओवैसी ने इशारों-इशारों में मसूरी के मौजूदा बसपा विधायक असलम चौधरी पर भी को चेतावनी देते हुए कहा कि वे होश में आ जाएं, जिस तरीके से वे इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, वह बर्दाश्त के काबिल नहीं है, आगामी चुनाव में जनता उनको इसका जबाव देगी। उन्होंने गाजियाबाद की पांचों विधानसभाओं को लेकर जीत के तमाम आंकड़े गिनवाए। ओवैसी ने ईवीएम मशीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यदि योगी और मोदी को मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से वोट नहीं मिलें तो वे इन क्षेत्रों से भारी बहुमत से कैसे जीते।
ओवैसी ने अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुस्लिम-यादव कॉम्बिनेशन से बीजेपी को हराया नहीं जा सकता। यदि बीजेपी को हराना है तो इसके लिए A से Z कॉम्बिनेशन तैयार करना होगा। अगर अखिलेश सोचते हैं कि वे मुसलमानों के 19 प्रतिशत वोट उन्हें मिलते रहेंगे और वे अपनी राजनीति चमकाने में कामयाब रहेंगे, यह उनकी भूल है।
ओवैसी ने गाजियाबाद के डासना मसूरी के मंदिर में एक मुस्लिम बच्चे की पिटाई के मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि बच्चा दिशाभ्रमित होकर मंदिर में आ जाता है, तो लोग उसे मारते-पीटते करते है, मामला गंभीर है, ऊपरवाले के दर पर मारपीट कितनी उचित है, यह सोचने की बात है। वे बोले कि आप हमारी मस्जिदों में बेहिचक आएं खाना-पानी भी ग्रहण करें, भाईचारे को कायम करें।
गाजियाबाद में बने हज हाउस को लेकर भी ओवैसी ने कहा कि करोड़ों की कीमत से बना हज हाउस भाजपा की बेरुखी के चलते बेकार पड़ा हुआ है। गाजियाबाद और आसपास के जिलों के मुस्लिम हज पर जाना चाहते हैं, लेकिन सरकार की उपेक्षा के चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।