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नई शायरी
ग़ज़लें : मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
ग़ज़लें : राहत इन्दौरी
शनिवार, 23 अगस्त 2008
उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो, खर्च करने से पहले कमाया करो
ग़ज़ल : निदा फ़ाज़ली
अज़ीज़ अंसारी की ग़ज़लें
ग़ज़ल : मुनव्वर राना
शनिवार, 9 अगस्त 2008
आसमान-ए-अदब का रोशन सितारा 'सरवर शहाब'
निदा फ़ाज़ली की ग़ज़लें
अतीक़ अहमद अतीक़ की ग़ज़लें
मंगलवार, 22 जुलाई 2008
ग़ज़ल का सदियों पुराना लिबास यूँ बदला, कि फ़िक्र-ओ-फ़न की मोहज़्ज़िब रिवायतें भी गईं
कमर गुनावी की ग़ज़लें
शनिवार, 12 जुलाई 2008
क़तरा क़तरा आँसुओं में रफ़्ता रफ़्ता बून्द बून्द, बेह गया आँखों से आखिर एक दरिया बून्द बून्द
अनवर शादानी की ग़ज़लें
मंगलवार, 17 जून 2008
ग़ज़लें-- शायर- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
बेसबब रूठ के जाने के लिए आए थे, आप तो हमको मनाने के लिए आए थे
राहत इन्दौरी
शुक्रवार, 13 जून 2008
शे'र का लफ़्ज़ अगर शऊर से मश्क़ है तो राहत इन्दौरी की ग़ज़ल हक़ीक़ी मानों में शायरी कहलाने की मुस्तहक़ है। क...
हयात हाशमी की ग़ज़लें
क्यों हमें मौत के पैग़ाम दिए जाते हैं, ये सज़ा कम तो नहीं है कि जिए जाते हैं...
ग़ज़लें : डॉ. शफ़ी बुरहानपुरी
मंगलवार, 20 मई 2008
ग़ज़लें : ज़हीर क़ुरैशी
मंगलवार, 20 मई 2008
सब की आँखों में नीर छोड़ गए जाने वाले शरीर छोड़ गए
ग़ज़ल : प्रो. सादिक
मंगलवार, 6 मई 2008
जो रिश्ता पाँच अनासिर का था निभाते रहे उन्हीं के बल पे चली जब तलक चलाते रहे
ग़ज़ल : एम.ए.बहादुर फ़रयाद
गुरुवार, 1 मई 2008
शायर माहिर बुरहानपुरी
अशआर - सय्यद सुबहान अंजुम
बुधवार, 16 अप्रैल 2008
ग़ज़लें : शायर इसहाक़ असर इन्दौरी
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