नई दिल्ली। कर विभाग ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि बजट में 10 प्रतिशत टीडीएस का प्रस्ताव केवल म्यूचुअल फंड द्वारा दिए गए लाभांश पर लागू होगा। यह यूनिट को भुनाने से होने वाले लाभ पर लागू नहीं होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में कंपनियों और म्यूचुअल फंड द्वारा शेयरधारकों या यूनिटधारकों को भुगतान किए जाने वाले लाभांश वितरण कर (डीडीटी) को समाप्त कर दिया है।
इसकी जगह यह प्रस्ताव किया गया कि कंपनी या म्यूचुअल फंड के अपने शेयरधारकों या यूनिटधारकों को किये गये लाभांश भुगतान पर 10 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) होगी। यह कर कटौती तब होगी जब लाभांश या आय साल में 5,000 रुपए से अधिक होगी।
एक बयान में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि ये सवाल पूछे गए थे कि क्या म्यूचुअल फंड को यूनिट भुनाने से होने वाले पूंजी लाभ पर भी टीडीएस काटने की जरूरत है। म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ने कर विभाग से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा था।
सीबीडीटी ने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रस्तावित धारा के तहत म्यूचुअल फंड को केवल लाभांश पर 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस काटना है। उन्हें पूंजी लाभ पर कर काटने की जरूरत नहीं है।'