सोने (Gold) में निवेश करने पर लोगों को लाभ देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme) की शुरुआत नवंबर 2015 में की गई। इस योजना के तहत लोग गोल्ड में अपना पैसा निवेश कर अधिक लाभ ले सकते हैं।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की किस्त समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए खुली रहती है। इस योजना के तहत, RBI द्वारा भारत सरकार के परामर्श से इश्यू को अलग-अलग चरणों में सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रखा जाता है। RBI समय-समय पर योजना के नियमों और शर्तों को अधिसूचित करता है।
कहां से खरीदे जा सकते हैं बॉण्ड : गोल्ड बांड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बीएसई के जरिए खरीदे जा सकते हैं।
कितना सोना खरीद सकते हैं : योजना के जरिए कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो तक सोना खरीद सकते हैं। एचयूएफ और ट्रस्ट के लिए अधिकतम सीमा 20 किलोग्राम है। RBI के निर्देशों के मुताबिक "प्रत्येक आवेदन के साथ आयकर विभाग द्वारा निवेशक को जारी किया गया 'पैन नंबर' होना चाहिए, क्योंकि निवेश के लिए पहले / एकमात्र आवेदक का पैन नंबर अनिवार्य है।
भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और, हिन्दू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के योग्य है। गोल्ड बांड की अवधि 8 साल की समय-सीमा के लिए है। आपको इसमें 5वें वर्ष के बाद अगले ब्याज भुगतान तारीखों पर बाहर निकलने का ऑप्शन भी मिलता है। बॉण्ड का भुगतान नकद (अधिकतम रु 20,000/ - तक) या डिमांड ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से किया जाएगा।