बोरवेल में गिरा 4 वर्षीय मासूम हार गया जिंदगी की जंग

हिमा अग्रवाल
गुरुवार, 3 दिसंबर 2020 (11:01 IST)
महोबा (यूपी)। बोरवेल में गिरा मासूम आखिरकार 20 घंटों की तक जिंदगी की जंग लड़ता हुआ हार गया। बीते बुधवार महोबा में एक किसान का 4 साल का बेटा खेल रहा था। खेत में बोरवेल का काम हुआ था और किसान उसे बंद करवाना भूल गया। किसान की छोटी-सी नासमझी उसके ही बेटे का जीवन निगल गई। एनडीआरएफ की मदद से बोरवेल से मासूम को बाहर निकालने के लिए 20 घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, पर अफसोस मासूम जीवन से हार गया।
ALSO READ: Farmer Protest Live: कुछ ही देर में शुरू होगी किसान नेताओं की सरकार के साथ बैठक
घटना महोबा में कुलपहाड़ क्षेत्र के बुधौरा गांव की है, जहां बुधवार खेत में खेलते हुए 4 साल का धनेन्द्र बोरवेल में गिर गया। यहां विकासखंड जैतपुर के बुधौरा गांव का रहने वाला भगीरथ कुशवाहा बुधवार को गेहूं के खेत में सिंचाई करने अपने परिवार के साथ गया था। खेत पर उनका 4 वर्षीय बेटा धनेन्द्र भी था, सभी लोग सिंचाई में व्यस्त हो गए।
 
मासूम धनेन्द्र खेलते-खेलते खेत पर बने करीब 1 फीट की चौड़ाई वाले बोरवेल में जा गिरा। बुधवार को करीब 2 बजे जब भगीरथ व उनकी पत्नी को सिंचाई से फुरसत मिली तो धनेन्द्र को आवाज दी। मासूम का जवाब न मिलने पर परिवार ने उसे ढूंढना शुरू किया तो पास के बोरवेल से रोने की आवाज सुनी तो होश उड़ गए।
ALSO READ: किसान आंदोलन: सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कैसे जारी रखी है अपनी लड़ाई
घटना की जानकारी मिलते ही थाना बेलाताल पुलिस फोर्स, कुलपहाड़ एसडीएम मोहम्मद अवेश व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलाताल के डॉक्टर व अन्य अफसर मौके पर पहुंच गए। प्रशासन ने फायर ब्रिगेड समेत जेसीबी मशीन को बुलाकर बोरवेल की खुदाई शुरू करा दी। धनेन्द्र की जान बचाने के लिए बोरवेल में नली के जरिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराई, साथ ही मासूम को बिस्किट और दूध भीपहुंचाया गया। शाम तक बच्चा अपने पिता की आवाज पर रिस्पांस कर रहा था। धीरे-धीरे उसकी आवाज कमजोर पड़ गई और अंत में सांसों की डोर टूट गई। किसान भगीरथ के मुताबिक बोरवेल 60 फीट गहरा था।
 
रात का अंधेरा रेस्क्यू ऑपरेशन कमजोर करने लगा। डीएम सत्येंद्र कुमार ने बोरवेल के आसपास सर्चलाइटें लगवाकर रोशनी कराई। जनरेटर का भी इंतजाम किया गया है। लखनऊ से राज्य आपदा मोचन बल की रेस्क्यू टीम भी निरीक्षक वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में रात करीब 8.30 बजे पहुंच गई। बच्चे को बचाने के लिए रातभर रेसक्यू ऑपरेशन चला। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लगी और बच्चे की सलामती के लिए प्रार्थना करते रहे, लेकिन सब व्यर्थ रहा।
 
बाहर आने पर बच्चे में कोई मूवमेंट नहीं दिखाई दिया, तब तुरंत उसे सामुदायिक केंद्र ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बोरवेल में गिरकर पहले भी कई मासूमों की जान जा सकी है, लेकिन बोरवेल खुदाई के बाद उसको बंद न करना कितना बड़ा जोखिम हो सकता है, यह उसका जीवंत उदाहरण है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

'Block Everything' प्रोटेस्ट क्या है, नेपाल के बाद फ्रांस में भड़की हिंसा, लोग क्यों कर रहे हैं पथराव और आगजनी, इमैनुएल मैक्रो पर इस्तीफे का दबाव

iphone air : अब तक का सबसे पतला आईफोन, पावरफुल बैटरी बैकअप और एडवांस कैमरा सेंसर, जानिए क्या है कीमत

Generation Z protest : बीमार अपाहिज पत्नी को छोड़कर भागे नेपाल के मंत्री, प्रदर्शनकारियों ने पहुंचाया अस्पताल

Skoda की कारें 3.28 लाख रुपए तक हुईं सस्ती, जानिए किस मॉडल के कितने गिरे दाम

Yamaha की बाइक्स हुई इतनी सस्ती की यकीन करना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

दुनिया में मची उथल-पुथल बन सकती है भारत के लिए अवसर

Live: दिल्ली से एक और संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार

अमेरिकी में ट्रंप के करीबी चार्ली किर्क की हत्या, यूनिवर्सिटी कार्यक्रम में मारी गोली

Russia Ukraine War : महायुद्ध की आशंका, रूस-यूक्रेन युद्ध में अब NATO की एंट्री, ड्रोन गिराने के लिए भेजे फाइटर प्लेन

'Block Everything' प्रोटेस्ट क्या है, नेपाल के बाद फ्रांस में भड़की हिंसा, लोग क्यों कर रहे हैं पथराव और आगजनी, आखिर मैंक्रों के खिलाफ फ्रांस में क्यों उबाल?

अगला लेख