सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अभाव में शहरों में लगा कूड़े का अंबार : डॉ. अहमद

संदीप श्रीवास्तव
शनिवार, 29 अक्टूबर 2022 (20:40 IST)
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के न्यायाधीश और पर्यावरण साइंटिस्ट डॉ. अफरोज अहमद ने कहा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के अभाव में शहरों की हालत खराब हो चुकी है। इसके बड़े-बड़े शहरों में कूड़े का अंबार लग चुका है।  डॉ. अफरोज अहमद ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि एनजीटी कचरा प्रबंधन को लेकर तमाम आदेश पारित कर रहा है और राज्यों को निर्देशित कर रहा है कि कूड़ा प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। इस कूड़े से फायदा उठाया जाए, कंपोस्टिंग की जाए, इस कूड़े से बिजली पैदा की जाए, इससे सीएनजी पैदा की जाए। ऐसी तमाम चीजें हैं जो कई राज्य कर भी रहे हैं। 
 
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का इंदौर शहर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का सर्वोत्तम उदाहरण है। वहां सॉलिड वेस्ट पर बहुत अच्छा काम किया गया है, आज वहां जीरो कचरा है। लेकिन, अभी और राज्य हैं जहां काफी ज्यादा कचरे की मात्रा है। दिल्ली को ही ले लीजिए। दिल्ली मे कचरे के पहाड़ खड़े हुए हैं। उससे लगे हुए जो प्रदेश हैं, वहां भी यही हालत है। पानी के ट्रीटमेंट के लिए समुचित व्यवस्था किसी भी शहर नहीं है। वहां पानी सीधे नदियों मे जाता है, झीलों में जाता है और उन्हें प्रदूषित कर रहा है। 
न्यायमूर्ति अफरोज अहमद ने कहा कि सभी राज्य पर्यावरण के प्रभाव से प्रभावित हैं। चाहे वो जमीन का मामला हो, जंगल का मामला हो, जंगलों के विनाश का मामला हो, माइनिंग हो या फिर नदियों का मामला हो, सारे ही राज्य प्रभावित हैं। यदि हम पर्यावरण के अगर हम पर्यावरण के जो घटकों का सही प्रबंधन नहीं करेंगे तो बड़ी ही गंभीर परिस्थितियों से गुजरेंगे। 
 
उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण और विकास दोनों को साथ लेकर भी चल सकते हैं। विकास का लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि पर्यावरण का प्रबंधन प्राथमिकता के आधार पर तय करें। नमामि गंगे अभियान से जुड़े वेबदुनिया के सवाल पर उन्होंने कहा की गंगा बहुत बड़ी नदी है। तमाम राज्य शामिल हैं, उन सबकी जिम्मेदारी है कि गंगा के साथ-साथ जो गंगा की सहायक नदियां हैं, उनका भी प्रबंधन किया जाए।
हालांकि इसमें समय लगेगा, लेकिन काफी अच्छे परिणाम भी आने शुरू हो गए हैं। अभी हमारे न्यायाधिकरण ने कानपुर में टैनरीज को बंद करने का आदेश दिया है। बहुत सख्ती की जा रही है। इस बात के सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना ट्रीट किए हुए पानी को नदियों में न मिलाया जाए। काफी कुछ परिवर्तन हो रहा है। मुझे लगता है कि आने वाले समय में गंगा के हालत में काफी सुधार होगा। Edited by Sudhir Sharma

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