बिजनौर में सप्तमी से लेकर दशहरे तक रामलीला का मंचन होता है। स्थानीय लोगों द्वारा ही रामायण के पात्रों का किरदार निभाया जाता है। इसमें गांव के पूर्व प्रधान राजेन्द्रसिंह राजा दशरथ लंबे अरसे से दशरथ का किरदार निभाते आ रहे थे।
रामलीला के मंच पर प्रसंग चल रहा था राम के 14 वर्ष वनवास का। तभी मंच पर दुखी मन ने दशरथ के किरदार में राजेंद्र डायलॉग बोल रहे थे, तो उन्हें हार्टअटैक आ गया। इसके चलते मंच पर ही मौत हो गई।
रामलीला के मंच पर सिंहासन पर विराजमान दशरथ का किरदार निभा रहे राजेंद्र सिंह माइक हाथ में लिए डायलॉग बोल रहे थे, अचानक से वे मंच पर लेट गए, दर्शक डायलॉग सुनकर भावविभोर थे, उन्हें लगा कि यह अभिनय का ही हिस्सा है और तालियां बजाने लगे। इसी बीच मंच का पर्दा गिरता है और कुछ समय बाद दर्शकों को पता चलता है कि रामलीला का नायक दशरथ वास्तव में दुनिया को अलविदा कह चुका है।
ये तस्वीरें बिजनौर जिले के रेहड़ थाना क्षेत्र के गांव हसनपुर में रामलीला मंचन की हैं। रामलीला के मंच पर भगवान राम को जब 14 साल का वनवास हुआ था तो राजा दशरथ परेशान हो गए। राजा दशरथ ने अपने महामंत्री सुमन्त को भगवान राम के साथ वन में इस आशय से साथ भेजा था कि वे राम को वन में घुमाकर वापस ले आएंगे, लेकिन रामजी वन में रुक गए और उन्होंने मंत्री सुमन्त को वापस भेज दिया।
सुमन्त वापस लौटकर राजा दशरथ के पास आए तो राम को न देखकर राजा दशरथ भावुक हो गए। राजा दशरथ का किरदार निभा रहे राजेन्द्र नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गईल तभी मंच का पर्दा गिरता है। राजेंद्र के साथी कलाकार उन्हें उठाने की कोशिश करते हैं, लेकिन 20 साल से दशरथ का किरदार निभा रहे राजेंद्र सिंह की मौत हो जाती है। रामलीला का माहौल गमहीन हो जाता है। आयोजकों द्वारा आगे की रामलीला स्थगित कर दी जाती है। अभिनय के बीच मौत का यह लाइव वीडियो कैमरे में कैद हो जाता है।