कानपुर देहात। कानपुर देहात में किसान को बिजली विभाग ने तगड़ा झटका दिया है। इसके बाद किसान दर-दर बिल माफ कराने की फरियाद लेकर लगातार घूम रहा है। कमाल की बात तो यह है कि उसने आज तक एक यूनिट बिजली भी खर्च नहीं की और ना ही अभी तक लाइन बिछी है। फिर भी बिजली विभाग ने 71000 रुपए का बिजली का बिल किसान को थमा दिया है।
ऐसे ही हालत क्षेत्र के कई अन्य किसानों की भी है जिन्होंने सिर्फ आवेदन ही किया था लेकिन आवेदन के ठीक बाद बिजली विभाग ने बिजली का झटका देते हुए हर एक आवेदक को बिजली के बिना इस्तेमाल ही बिल जारी कर दिया है।
बिना इस्तेमाल किए बिजली के बिल कब हो जा उठा रहे किसान ने जिलाधिकारी के पास जाकर बिल माफ करने की गुहार लगाई है। वहीं जिलाधिकारी कानपुर देहात ने मामले का संज्ञान लेते हुए बिजली विभाग के अधिकारियों को जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।
नलकूप पर बिजली नहीं, आ गया बिल - कानपुर देहात में निजी नलकूप के लिए किसानों ने बिजली कनेक्शन का आवेदन किया था लेकिन अभी तक बिजली विभाग निजी नलकूप के लिए लाइन बिछी नहीं पाई। हालांकि कई ऐसे किसान हैं जिनके पास बिजली की बिल पहुंचना शुरू हो गए हैं।
ऐसा एक मामला उस समय सामने आया जब डेरापुर के बलाई बुजुर्ग के मजरा किशुनपुर निवासी ज्ञान सिंह ने जिलाधिकारी कानपुर देहात से पूरे मामले की शिकायत की। शिकायत में उन्होंने कहा कि बोरिंग कराने के बाद उन्होंने निजी नलकूप की सामान्य योजना में विद्युत लाइन बिछाने के लिए जुलाई 2019 में आवेदन किया था। इस्टीमेट बनने पर 18 जुलाई 2019 को 56740 रुपए जमा कर दिए। इसके बाद 6 अगस्त 2019 को स्टोर से सामान उठान के लिए पनकी भंडार केंद्र को मांग पत्र जारी हो गया।
सामान्य योजना में शासन से लक्ष्य नहीं आने पर भंडार से खंभे, ट्रांसफार्मर व तार आदि नहीं मिला। इसके चलते विद्युत लाइन नहींबिछ सकी। लेकिन इधर विभाग ने 71730 रुपए का बिल भेज दिया। कई बार बिजली विभाग को बिल की जानकारी दी लेकिन किसी प्रकार से अभी तक उसे राहत नहीं मिली है। उसके साथ पहुंचे अन्य किसानों ने बताया कि ऐसी ही समस्या उनके भी साथ है अभी तक बिजली का करंट उनके नलकूप तक नहीं पहुंचा है लेकिन बिल जारी हो गया है।
क्या बोले अधिकारी -कुलदीप यादव, एक्सईएन पुखरायां खंड ने बताया कि बिना बिजली उपयोग के बिल जारी होना खामी है। जांच कराकर किसान की बिलिंग बंद कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि फरवरी 2019 के बाद सामान्य योजना का लक्ष्य नहीं मिला है। इसकी वजह से निजी नलकूप के आवेदकों को भंडार केंद्र से सामग्री नहीं मिल सकी है।