मेरठ। बसपा नेता याकूब कुरैशी की मुसीबतों कम होने का नाम नही ले रही है। पहले उनके अल फईम मीट फैक्टरी पर छापेमारी हुई, जिसमें अवैध रूप से 30 टन मीट मिला। याकूब और उसके बेटों समेत 14 पर एफआईआर दर्ज की गई। याकूब पर योगी सरकार पूरी तरह से नजर लगाए बैठी हुई है।
इसी कड़ी में बुधवार के याकूब के हॉस्पिटल पर सील लगा दी गई। माई सिटी अस्पताल पिछले तीन साल से बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से चल रहा था। हॉस्पिटल सील लगाने के बाद मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद मोहन ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर भी जांच कमेटी गठित कर दी है, जो अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर सीएमओ को सौंपेगी। रिपोर्ट आने के बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
योगीराज 2.0 के सत्ता में आते ही बुल्डोजर की गर्जना सुनाई देने लगी है, प्रदेश में भू-माफियाओं और बदमाशों की सम्पत्ति कुर्क करते हुए ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है। मेरठ में किसी भी दिन याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री जमीदोज हो सकती है, वहीं अब प्रशासन उसकी हर सम्पत्ति की जांच कर रहा है। बसपा पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी पर एक के बाद एक एक्शन हो रहा है। हापुड़ रोड पर याकूब कुरैशी के बिना रजिस्ट्रेशन वाले माई सिटी हॉस्पिटल को स्वास्थ्य विभाग ने सील लगाते हुए जांच कमेटी गठित कर दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि यह जांच रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि इस अस्पताल में कौन-कौन डाक्टर कार्यरत थे और किस प्रकार का उपचार होता था। स्वास्थ्य विभाग के लोगों की भूमिका की भी जांच की हो रही है जिनके रहमोकरम पर माई सिटी हॉस्पिटल चल रहा था। माई सिटी हॉस्पिटल याकूब एड्यूकेशनल चेरिटेबल ट्रस्ट के नाम से संचालित है और उसके कर्ता-धर्ता याकूब कुरैशी है।
सीएमओ के मुताबिक उनकी टीम अस्पतालों और पैथोलॉजी लैब में अनियमितताओं की जांच कर रही थी, उसी जांच में याकूब का चेरिटेबल अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के मिला। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल को तीन नोटिस भेजे गए थे। नोटिस का जवाब न मिलने पर स्वास्थ्य विभाग अस्पताल पहुंचा और वहां उसने ताला लगा पाया। इसके बाद उसे सील कर दिया गया। माई सिटी अस्पताल प्रबंधक ने याकूब के परिवार की फरारी के बाद इस अस्पताल में भी ताला डाल दिया। अब यह ताला कब और किसने लगाया है, इसकी जांच भी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।
हालांकि याकूब कुरैशी के बेटे इमरान के अल फईम मीटेक्स प्लांट में अवैध रूप से मीट प्रोसेसिंग यूनिट चलाए जाने के मामले में याकूब कुरैशी उनके दो बेटे इमरान और फिरोज पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं और वो फरार हैं, ऐसे में अवैध रूप से चल रहे इस हॉस्पिटल पर भी बड़ा एक्शन हो सकता है। दबी जुबान में लोग यह कह रहे है कि 2024 में याकूब कुरैशी चुनावी मैदान में अपनी ताल न ठोंके, उसके लिए यह सारी कवायद चल रही है।