लखनऊ। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कहा कि गरीबों के जीवन स्तर में सुधार के लिए राज्य सरकार 100 दिनों के भीतर 1 लाख से अधिक गरीबों को नए घर बनाकर चाबी सौंपेगी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 50 हजार नए स्वयं सहायता समूहों का गठन करेगी तथा मनरेगा के तहत 61 नदियों का पुनरुद्धार भी किया जाएगा।
उत्तरप्रदेश में विकास और समृद्धि को गति देने के इरादे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ 100 दिन की कार्ययोजना पर मंथन कर, उन्हें योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने का लक्ष्य सौंपा और 1 सप्ताह के भीतर सभी विभागों से कार्ययोजना का ब्योरा मांगा है।
योगी के नेतृत्व वाली पहली सरकार (2017-2022) में बतौर उपमुख्यमंत्री लोक निर्माण विभाग संभाल चुके मौर्य को इस बार ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर, सार्वजनिक उद्यम और राष्ट्रीय एकीकरण विभाग का दायित्व मिला है। 100 दिनों के भीतर निर्धारित कार्यों को पूरा करने के लिए मौर्य ने कार्ययोजना बनाई है। इस दौरान उन्होंने गरीबी उन्मूलन को प्राथमिकता देने के साथ ही नदियों, तालाबों के पुनरुद्धार पर भी जोर दिया है।
गुरुवार को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में मौर्य ने बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 50 हजार नए स्वयं सहायता समूह गठित किए जाएंगे और 80 हजार स्वयं सहायता समूहों को 400 करोड़ रुपए की मदद मुहैया कराई जाएगी।
उप्र में राज्य आजीविका मिशन की शुरुआत वर्ष 2012-2013 में की गई। इसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनकी सशक्त एवं स्थायी संस्थाएं बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी क्रमश: 60 और 40 प्रतिशत है। इसमें स्वयं सहायता समूह गठित कर महिलाओं को रोजगार तथा स्वरोजगार से जोड़ा जाता है।
मौर्य ने कहा कि शुरुआती 100 दिनों में सबसे पहले हम 1 लाख गरीबों को, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासों का निर्माण कर घर की चाबी सौंपेंगे। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत प्राकृतिक आपदा, कालाजार से प्रभावित, वनटांगिया, मुसहर, कोल और थारू आदि समुदायों के लिए 8200 आवासों का भी निर्माण होगा।
भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने संकल्प पत्र (चुनाव घोषणा पत्र) में वादा किया है कि सभी गरीब आवासहीन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमंतू जाति, पिछड़ा व वंचित एवं अन्य गरीब परिवारों को आवासीय पट्टे की भूमि तथा आवास सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई और भाजपा नेताओं ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में 40 लाख से अधिक गरीबों को आवास देने का दावा किया है। अब महज 100 दिनों के भीतर 1 लाख गरीबों को आवास देने का लक्ष्य तय किया गया है।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कौशांबी जिले के सिराथू विधानसभा क्षेत्र से केशव प्रसाद मौर्य करीब सात हजार मतों से पराजित हो गए। लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया। बहरहाल, विभागों के बंटवारे में जब उन्हें ग्राम्य विकास विभाग मिला तो यह चर्चा तेज हो गई कि उन्हें पहले की अपेक्षा कम महत्व वाला विभाग दिया गया है।
इस बारे में पूछने पर मौर्य ने कहा कि मैं इस विभाग से संतुष्ट हूं। ग्राम्य विकास विभाग मिलने पर मुझे लगा कि सही मायने में जो काम मुझे 2017 में सरकार बनने के बाद दिया जाना चाहिए था वह काम 2022 में दिया गया है। लोगों की सेवा के लिए ग्राम्य विकास विभाग बहुत बड़ा प्लेटफार्म है।'
ग्राम विकास विभाग को लेकर भावी योजना के बारे में पूछने पर मौर्य ने कहा कि हम समस्याओं के हल के लिए गांव गांव चौपाल करेंगे, औचक निरीक्षण करेंगे और यदि कोई अधिकारी-कर्मचारी जनता की सेवा के प्रति लापरवाह पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।'
100 दिन में पूरी की जाने वाली अपनी कार्ययोजना के बारे में मौर्य ने कहा कि 2600 ग्राम पंचायतों में 100 दिन में हम खेल के मैदान बनाएंगे और 6000 तालाबों का पुनरुद्धार करेंगे।' उपमुख्यमंत्री ने बताया कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 61 नदियों के पुनरुद्धार का लक्ष्य रखा गया है जिसे 100 दिनों में पूरा किया जाना है।
मौर्य ने बताया कि उन्होंने मनरेगा के तहत दिए जाने वाले पारिश्रमिक को बढ़ाने के लिए भी केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। वर्तमान में मजदूरी दर 213 रुपए प्रतिदिन तय है और मौजूदा समय में मनरेगा के तहत 262 प्रकार के कार्य मान्य हैं।
मौर्य ने बताया कि 600 विकास खंडों में कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले पुष्टाहार की आपूर्ति के लिए इकाइयां स्थापित की जाएंगी तथा 100 उत्पादक समूहों का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत 100 दिन में 5 हजार वर्ग किलोमीटर सड़क बनाई जाएंगी और ग्राम विकास मंत्रालय 150 हाईटेक नर्सरी स्थापित करेगा। ये नर्सरी पौधारोपण के लिए आवश्यकतानुसार पौधे उपलब्ध कराएंगी। उन्होंने कहा कि 100 दिनों में 15 हजार महिला सुपरवाइजर का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के तहत 300 प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।