रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या सिर्फ़ एक इंसान की नहीं - इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है।
आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और ग़रीब - हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी आवाज़ कमजोर है, जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है, और जिसकी… pic.twitter.com/V0KtN4CHAQ