गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुरादनगर मोक्षस्थली हादसे में मारे गए लोगों परिजनों को 2-2 लाख रुपए देकर मरहम लगाने की कोशिश की है। लेकिन कुछ मृतक परिजन इससे संतुष्ट नही हैं, जिसके चलते उन्होंने हादसे में मारे गए तीन लोगों के शवों को सड़क पर रखकर गाजियाबाद मेरठ हाईवे जाम कर दिया।
जाम के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। कड़ी मशक्कत के बाद एडमिनिस्ट्रेशन ने शवों को साइड में रखवाया और जाम खुलवाया। पीड़ित परिवार अभी भी तीनों शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं है।
गाजियाबाद-मेरठ हाईवे पर रखे गए शवों में दो शव प्रदीप और सुनील के हैं, जो रिश्ते में चाचा-भतीजे थे और उनकी रविवार मुरादनगर श्मशान हादसे में मौत हो गई। मृतक सुनील के परिजनों का कहना है कि उसके दो छोटे बच्चे हैं, अब इनकी देखभाल कौन करेगा।
मृतकों के परिजन चाहते हैं कि हादसे के शिकार हुए लोगों के परिवार के लालन-पालन की जिम्मेदारी सरकार लें। जिसके चलते आज मुरादनगर हाईवे पर तीन लाशें रखकर गाजियाबाद से मेरठ जाने वाले रास्ते को भीड़ ने जाम किया गया, जिससे हाईवे पर कई किलोमीटर जाम लग गया।
पुलिस प्रशासन ने पीड़ित परिजनों को समझाकर हाईवे से शव हटवा दिए हैं, परिजनों ने फिलहाल शवों को मुरादनगर थाने के समीप रख दिया है, लेकिन परिवार अभी अंतिम संस्कार करने कै तैयार नहीं है।