कानपुर। कोरोना महामारी के चलते जहां पूरे देश की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है तो वही प्रदेश भी आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा है और सैकड़ों लोग आर्थिक मंदी के चलते बेरोजगार हो गए हैं। इस बीच कानपुर में कुछ अधिकारियों के बंगलों पर सुंदरीकरण के नाम पर लाखों रुपए पानी की तरह बहाया गया है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के कानपुर से आर्य नगर विधायक अमिताभ बाजपेई ने आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराते हुए जांच की मांग की है।
सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए शिकायती पत्र की जानकारी होने के बाद सरकारी विभागों में खलबली मच गई।
धन बर्बादी की हो जांच : समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई की ओर से 18 नवंबर को भेजे गए पत्र में मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि कोरोना की आपदा के चलते देश व प्रदेश आर्थिक तंगी के हालातों से जूझ रहा है। व्यापार में भी कमी आई है। जिससे राजस्व कम एकत्र हुआ है।
आर्थिक तंगी के चलते कई विकास की परियोजनाए एवं जनहित कारी कार्य भी अटके हुए है। यहां तक की इस वित्तीय वर्ष में विधायकों को मिलने वाली क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि) भी नहीं मिली है। ऐसे में कानपुर नगर में वरिष्ठ अधिकारियों के बंगलो की सजावट में लाखों रुपए खर्च करना कतई उचित नहीं है।
कमिश्नर कानपुर के आवास पर कमरे तोड़ कर निर्माण, पुराने लाईटों की जगह नयी महंगी इम्पोर्टेड लाईटे, मेरठ के हार्टिकल्चर स्पेशलिस्ट से गार्डन डेवलपमेंट का कार्य हो रहा है। के.डी.ए. उपाध्यक्ष के बंगले में भी महंगे पर्दे सहित,लाखों का डेकोरेशन कार्य हो रहा हैं। के.डी.ए. के अपर सचिव सहित अन्य अधिकारियों के बंगले में भी अतिरिक्त धन खर्च किया जा रहा है। एक वर्ष पूर्व भी के.डी.ए. वी.सी.के बंगले में 52 लाख के कार्य कराए गए थे।
अब तक अनुमान के मुताबिक 40 लाख रुपए की फाइलें पास हो चुकी है एवं अन्य फाइलें प्रक्रिया धीन है। कोरोना काल के इस दौर में धन की बर्बादी के मुद्दे पर मैं आपसे जांच कराये जाने एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कराये जाने की मांग करता हूं।
जांच की मांग पर मचा हड़कंप : सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कोरोना संकट के दौर में सरकारी बंगलों पर हुए एवं वर्तमान में चल रहे कार्यों की जांच कराने एवं जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। विधायक की ओर से पत्र जारी होने के बाद शहर के आला अफसरों के दफ्तरों तक खबर पहुंचते ही खलबली मच गई।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह प्रकरण सचिवालय तक चर्चा में आ गया है। जांच के आदेश जारी होने का इंतजार है। सूत्र बताते हैं कि अगर विधायक के पत्र पर सही जांच हो गई तो जो सच सामने आएगा वह बेहद चौंकाने वाला होगा और ऐसे में कई कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों पर गाज गिरना तय है।