लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। 7 नए मंत्रियों ने शपथ ली है। इनमें कांग्रेस से बीजेपी में आए जितिन प्रसाद शामिल हैं। कांग्रेस छोड़कर करीब 3 महीने पहले भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को ब्राहृमण चेहरे के तौर पर मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है जबकि 6 अन्य को राज्यमंत्री नियुक्त किया गया है।
राज्यमंत्रियों में 2 दलित, तीन अन्य पिछड़ा वर्ग और एक अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजभवन के गांधी सभागार में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल में नये मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जितिन प्रसाद के अलावा संगीता बलवंत बिंद (ओबीसी), धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी), पलटूराम (अनुसूचित जाति), छत्रपाल गंगवार (ओबीसी), दिनेश खटिक (दलित) और संजय गौड़ (अनुसूचित जनजाति) को राज्यमंत्री के तौर पर योगी की टीम में शामिल किया गया है।
जितिन प्रसाद : जितिन प्रसाद की पहचान उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज के बड़े नेताओं में होती है। राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद भी चार बार शाहजहांपुर के सांसद रहे। वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रहे। जितेन्द्र प्रसाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे थे। जितेन्द्र प्रसाद 2000 में सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था।
डेढ़ दशक से अधिक समय तक कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले प्रसाद करीब 3 माह पहले भाजपा में शामिल हुए थे। 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर उन्होंने पहली बार संसद की दहलीज लांघी थी। केन्द्र की संप्रग सरकार में उन्हे केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में परिसीमन के बाद वे धौरहरा से लड़े और लगातार दूसरी बार सांसद बने।
संप्रग के दूसरे कार्यकाल में प्रसाद सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रहें। हालंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच उन्हे धौरहरा संसदीय क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा। इस बीच उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से किस्मत आजमायी मगर यहां भी उन्हे मुंह की खानी पड़ी।
संगीता बलवंत बिंद : योगी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने वाली गाजीपुर जिले की सदर सीट से विधायक हैं। संगीता पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं। 42 वर्षीय बिंद पहली बार विधायक चुनी गई हैं। छात्र राजनीति और पंचायत की राजनीति से सक्रिय राजनीति में आई हैं।
धर्मवीर प्रजापति : जनवरी 2021 में विधान परिषद सदस्य बने। पश्चिमी उत्तरप्रदेश से ताल्लुक रखने वाले प्रजापति ओबीसी समाज से आते हैं और वर्तमान में माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वे प्रदेश भाजपा में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।
छत्रपाल सिंह गंगवार : बरेली जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं। 2017 में दूसरी बार विधायक चुने गए थे। ओबीसी हैं और कुर्मी समाज से आते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और करीब 65 साल के हैं। 1980 से आरएसएस में हैं, आरएसएस के प्रचारक भी रह चुके हैं।
दिनेश खटीक मवाना : विधायक से राज्यमंत्री बने मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं। इन्होंने सन 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की। दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके पिता भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। इनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं।
पलटू राम : विधायक से ही राज्यमंत्री बने पलटू राम गोंडा जिला अंतर्गत परेड सरकार गांव के रहने वाले हैं। 2017 में भाजपा के टिकट पर पलटूराम पहली बार जीतकर बलरामपुर सदर (सुरक्षित) सीट से विधायक बने। पलटू राम मूल रूप से गोंडा जिले के परेड सरकार गांव के निवासी है। वर्तमान में गोंडा जिला मुख्यालय पर इनका आवास है। इनकी पत्नी ज्ञानमती गोंडा जिला पंचायत के अध्यक्ष रह चुकी है।
पलटूराम सोनकर (खटीक) बिरादरी से ताल्लुक रखते है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशी शिवलाल को 25000 के भारी अंतर से पराजित किया था। वर्तमान विधायक पलटूराम 51 वर्ष के हैं और परास्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया था। 2017 में बीजेपी के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए। पलटू राम प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं और आम लोगों के बीच का काफी लोकप्रिय है।
संजीव कुमार उर्फ संजय गोंड : सोनभद्र की ओबरा सीट से 2017 में पहली बार विधायक बने थे। यह सोनभद्र के 'गोंड' अनुसूचित जनजाति से आते हैं, इस प्रकार उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार में एसटी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक के रूप में राज्यमंत्री बनाया गया है।