Vasant Panchami पर करें ये खास प्रयोग, पढ़ें चमत्कारी मंत्र

Webdunia
vasant panchmi 2021
 

- उमेश दीक्षित 
 
माघ शुक्ल को मनाए जाने वाले इस त्योहार का महत्व हमारे देश में काफी ज्यादा है। इस दिन भगवान आशुतोष शिव-पार्वती के विवाह की 'लग्न' लिखाई गई थी। इस दिन भगवान को आम का बौर (मोर) चढ़ाया जाता है तथा गुप्त नवरात्रि (माघी) की पंचमी को माता सरस्वती का पूजन किया जाता है। इस दिन उनका पूजन-अर्चन तथा मंत्र जाप करने का अनंत गुना फल मिलता है। 
 
मंत्र- श्री सरस्वतीगायत्री मंत्र- 
 
(1) ॐ ऐं वाग्दैव्यै विद्महे कामराजाय धीमही तन्नो देवी प्रचोदयात।
 
(2) 'ऐं' इस एकाक्षरी मंत्र को माता सरस्वती का बीज मंत्र कहते हैं। इसके 12 लाख जप करने से सिद्धि मिलती  है।
 
प्रयोग- प्रात: 10,000 जप कर (स्फटिक माला-श्वेत आसन) ब्राह्मी पीने से व्यक्ति श्रु‍तिधर होता है यानी सुनी हुई बात कभी भूलता नहीं है।

अगर आप कवि या लेखक बनना चाहते हैं तो नित्य 100 माला बसंत पंचमी से प्रारंभ कर 1 वर्ष तक करें।  
 
मंत्र- (2) ॐ वद् वद् वाग्वादिनी स्वाहा।
 
प्रयोग- अगर आप अपनी कविताओं से प्रतिष्ठा कमाना चाहते हैं तो नित्य 11 माला वसंत पंचमी से प्रारंभ कर 1  वर्ष तक करें।  
 
मंत्र- (3)  ॐ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:।
 
प्रयोग- अगर आप कुशल वक्ता बनना चाहते हैं तो 11  माला नित्य करें। ऐसा करने से व्यक्ति वागीश हो जाता  है। वाक् सिद्धि हो जाती है। इस मंत्र को ब्रह्माजी, वेदव्यासजी, बृहस्पति ने जपा था। सरस्वती देवी की मूर्ति या  चित्र श्वेत अक्षत पर रख श्वेत पुष्प चढ़ाएं।
 
भगवान आशुतोष के पूजन का भी बड़ा महत्व है। भगवान शिव को इस दिन कुमकुम, हल्दी भी चढ़ाई जाती है  तथा आम का मोर चढ़ाया जाता है।
 
स्फटिक के शिवलिंग या पारे के शिवलिंग पर दूध से अभिषेक कर शिव षडाक्षरी मंत्र 'ॐ नम: शिवाय' जपने से  मेधा वृद्धि होती है। इस प्रयोग में पैर पानी में डुबोए रखना पड़ते हैं। रुद्राक्ष की माला तथा ऊनी आसन पूर्वाभिमुख  रखते हुए पूजन तथा जप करें।
 
या मृत्युंजय मंत्र 'ॐ जूं स:' या निम्नलिखित महामृत्युंजय मंत्र जपें।
 
ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे, सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्।
उर्वारु‍कमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
 
इन मं‍त्रों को जपने से सर्व कार्य सिद्धि होती है।
 
साधारणतया यह मंत्र शिवजी का माना जाता है, लेकिन शुरू के शब्द 'त्र्यम्बकम्' का अर्थ तीन अम्बा यानी  महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती भी माना जाता है अत: यह मंत्र देवी मंत्र भी होता है।
 
इसी तरह दश महाविद्या में नील सरस्वती का पूजन भी इस दिन होता है। उनके मंत्रों का जप भी शीघ्र फल देता है। 
(1) ह्रीं त्रीं हूं।
(2) ॐ ह्रीं श्रीं हूं फट स्वाहा।
(3) ॐ नम: पद्मासने शब्द रूपे ऐं ह्रीं क्लीं वद् वद् वाग्वादिनी स्वाहा।
 
स्फटिक माला व श्वेत आसन आवश्यक है। 

ALSO READ: वसंत पंचमी पर मां सरस्वती को इन 12 नामों से करें प्रसन्न

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

अगला लेख