वसंत पंचमी पर्व पर जानिए मां सरस्वती के अवतरण की पौराणिक कथाएं

Webdunia
saraswati pauranik katha
Basant Panchami 2022: इस दिन से वसंत ऋतु का प्रारंभ होता है इसीलिए माघ माह की पंचमी को बसंत पंचमी कहते हैं। इसी दिन माता सरस्वती (Maa Saraswati) का अवतरण दिवस भी है और इसी दिन को मदनोत्सव भी मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 5 फरवरी को वसंत पंचमी मनाई जाएगी। आओ जानते हैं मां सरस्वती के अवतरण की पौराणिक कथा।


दो सरस्वती देवियां : सरस्वती नाम से दो देवियों का उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि एक विद्या की देवी और दूसरी संगीत की देवी। दोनों की ही पूजा करना चाहिए। बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी। एक कमल पर विराजमान है और दूसरी हंस पर।
 
1. शास्त्रों के अनुसार जिस तरह ज्ञान या विद्याएं दो हैं उसी तरह सरस्वती भी दो हैं। विद्या में अपरा और परा विद्या है। अपरा विद्या की सृष्टि ब्रह्माजी से हुई लेकिन परा विद्या की सृष्टि ब्रह्म (ईश्वर) से हुई मानी जाती है।
 
2. अपरा विद्या का ज्ञान जो धारण करती है, वह ब्रह्माजी की पुत्री है जिनका विवाह विष्णुजी से हुआ है। ब्रह्माजी की पत्नी जो सरस्वती है, वे परा विद्या की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे मोक्ष के मार्ग को प्रशस्त करने वाली देवी हैं और वे महालक्ष्मी (लक्ष्मी नहीं) की पुत्री हैं।
 
3. शाक्त परंपरा में तीन रहस्यों का वर्णन है- प्राधानिक, वैकृतिक और मुक्ति। इस प्रश्न का, इस रहस्य का वर्णन प्राधानिक रहस्य में है। इस रहस्य के अनुसार महालक्ष्मी के द्वारा विष्णु और सरस्वती की उत्पत्ति हुई अर्थात विष्णु और सरस्वती बहन और भाई हैं। इन सरस्वती का विवाह ब्रह्माजी से और ब्रह्माजी की जो पुत्री है, उनका विवाह विष्णुजी से हुआ है।
 
4. सरस्वती नाम से दो देवियों का उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि एक विद्या की देवी और दूसरी संगीत की देवी। दोनों की ही पूजा करना चाहिए। एक कमल पर विराजमान है और दूसरी हंस पर। कहीं-कहीं ब्रह्मा पुत्री सरस्वती को विष्णु पत्नी सरस्वती से संपूर्णतः अलग माना जाता है।

इस तरह मतान्तर मे तीन सरस्वती का भी वर्णन आता है। इसके अन्य पर्याय या नाम हैं वाणी, शारदा, वाग्देवी, वागेश्वरी, वेदमाता इत्यादि। देवी भागवत के अनुसार विष्णु पत्नी सरस्वती वैकुण्ठ में निवास करने वाली है एवं पितामह ब्रह्मा की जिह्वा से जन्मी हैं। देवी सरस्वती का वर्णन वेदों के मेधा सूक्त में, उपनिषदों, रामायण, महाभारत के अतिरिक्त कालिका पुराण, वृहत्त नंदीकेश्वर पुराण तथा शिव महापुराण, श्रीमद् देवी भागवत पुराण इत्यादि में मिलता है। इसके अलावा ब्रह्मवैवर्त पुराण में विष्णु पत्नी सरस्वती का विशेष उल्लेख आया है।
 
basant panchami 2022
वसंत पंचमी कथा : सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब इस देवी ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई, तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Vrishabha Sankranti 2024: सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश से क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

Khatu Syam Baba : श्याम बाबा को क्यों कहते हैं- 'हारे का सहारा खाटू श्याम हमारा'

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

Shukra Gochar : शुक्र करेंगे अपनी ही राशि में प्रवेश, 5 राशियों के लोग होने वाले हैं मालामाल

Guru Gochar 2025 : 3 गुना अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों पर छा जाएंगे संकट के बादल

Lakshmi prapti ke achuk upay: यदि घर की महिला रोज ये काम करें तो घर में मां लक्ष्मी का होगा प्रवेश

Mohini ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत की पौराणिक कथा

Chardham Yatra: चारधाम यात्रा पर CM पुष्कर सिंह धामी ने संभाला मोर्चा, सुधरने लगे हालात

Aaj Ka Rashifal: 18 मई का दिन क्या लाया है आपके लिए, पढ़ें अपनी राशि

Chinnamasta jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, कब है और जानिए महत्व

अगला लेख