मधुर सरस्वती वंदना : हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी

Webdunia
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
 
जग सिरमौर बनाएं भारत,
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
 
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
 
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥1॥
 
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
 
लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे। फिर घर-घर भर दे॥2॥
 
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

01 जून 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope June 2025: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा 02 से 08 जून का समय, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

गंगा दशहरा पर्व का क्या है महत्व?

महेश नवमी कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

शुक्र के राशि परिवर्तन से 3 लोग रहेंगे 1 माह तक परेशान

अगला लेख