वसंत पंचमी 2020 : मां सरस्वती के पूजन की इतनी आसान विधि कहीं नहीं मिलेगी आपको

Webdunia
वाणी, लेखनी, प्रेम, सौभाग्य, विद्या, कला, सृजन, संगीत और समस्त ऐश्वर्य को प्रदान करने वाली देवी मां सरस्वती से शुभ आशीष प्राप्त करने का दिन है वसंत (बसंत) पंचमी। 

वसंत पंचमी 2020 शुभ मुहूर्त
 
वसंत पंचमी 2020 पर सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग बनेगा। परिणय सूत्र में बंधने के लिए यह दिन श्रेष्ठ है। 
 
वसंत पंचमी बुधवार सुबह 10.45 बजे से शुरू होगी

अगले दिन 30 जनवरी गुरुवार दोपहर 1.20 बजे तक रहेगी। 
 
29 जनवरी 2020, बुधवार को वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त है : 10.45 से 12.35 तक 
 
30 जनवरी 2020, गुरुवार को वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त है : 6.00 से 7.30, 12.20 से 1.20 बजे तक
सरलतम विधि 

प्रात: काल सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के उपरांत मां भगवती सरस्वती की आराधना का प्रण या कहें कि संकल्प लेना चाहिए। 
 
स्नान के बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करना चाहिए। 
 
स्कंद पुराण के अनुसार सफेद पुष्प, चन्दन, श्वेत वस्त्रादि से देवी सरस्वती जी की पूजा करना चाहिए। 
 
सरस्वती जी का पूजन करते समय सबसे पहले उनका स्नान कराना चाहिए इसके पश्चात माता को सिन्दूर व अन्य श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं।
 
इसके बाद फूल माला चढ़ाएं। 
 
संगीत के क्षेत्र में हैं तो वाद्य यंत्रों की पूजन करें और अध्ययन से नाता है तो समस्त विद्या सामग्री कलम, किताब, नोटबुक आदि का पूजन करें। 
 
संभव हो सके तो मोर का पंख मां सरस्वती को चढ़ाएं। 
 
आंगन में रंगोली सजाएं। 
 
आम्र मंजरी भी देवी को अर्पित करें।  
 
वासंती खीर या केशरिया भात का भोग लगाएं। 
 
स्वयं भी केशरिया, पीले, वासंती या श्वेत परिधान पहनें। 
 
फूलों से मां सरस्वती पूजन स्थल का श्रृंगार करें। 
 
मां शारदा की आरती, सरस्वती मंत्र आदि से आराधना करें। 
 
पीले चावल से ॐ लिखें और उसका भी पूजन करें।  
 
देवी सरस्वती का मंत्र : श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा
 
सरल प्रार्थना :  शारदा माता ईश्वरी, मैं नित सुमरि तोहे, हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोहे  
 
मिठाई से भोग लगाकर सरस्वती कवच का पाठ करें. मां सरस्वती जी के पूजा के वक्त इस मंत्र का जान करने से असीम पुण्य मिलता है –
 
 
मां सरस्‍वती का श्‍लोक 
 
मां सरस्वती की आराधना करते वक्‍त इस श्‍लोक का उच्‍चारण करना चाहिए:-
 
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
 
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
 
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
 
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।
 
सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।। वन्दे भक्तया वन्दिता च... 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

26 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

26 नवंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Education horoscope 2025: वर्ष 2025 में कैसी रहेगी छात्रों की पढ़ाई, जानिए 12 राशियों का वार्षिक राशिफल

अगला लेख