वास्तु के अनुसार इन दिशाओं में रखेंगे दीपक की लौ, तो दौड़ी चली आएंगी खुशियां...

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नए साल के पहले दिन दीया जलाने से पहले पढ़ें ये मंत्र 
 
सनातन धर्म में दीपक का विशेष महत्व होता है। दीपावली हो या कोई त्योहार या फिर नए साल की शुरुआत हो और दीप प्रज्ज्वलित ना किए जाएं, ऐसा संभव नहीं है। हर दिन की रोशनी से अंधकार को दूर करने के लिए घरों में दीये जलाकर रखे जाते हैं। हिन्दू धर्म में सुबह-शाम के समय दीप जलाना शुभ माना जाता है। अत: नए साल के दिन भी घर में ही मिट्टी के कच्चे दीये जलाने की परंपरा है। वास्तु शास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं।
 
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दीपक की लौ किस दिशा में रखनी चाहिए और उससे क्या लाभ मिलेगा। इसके साथ ही दीपक को जलाने से पहले कौन का मंत्र पढ़ना चाहिए।
 
पूर्व दिशा - दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
 
पश्चिम दिशा - दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।
 
उत्तर दिशा - दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है।
 
दक्षिण दिशा- दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है।
 
किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र का जप करने से शीघ्र ही सफलता मिलती है।
 
मंत्र :- 
 
दीपज्योति: परब्रह्म:
 
दीपज्योति: जनार्दन:
 
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते...
 
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां
 
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति...।
 
अत: इस तरह नए साल पर दीप प्रज्ज्वलन का संकल्प लेकर हर दिन दीया जलाएंगे तो निश्चित ही आपके घर में खुशियां दौड़ी चली आएंगी। 

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