चारों दिशाओं से रक्षा करता है ड्रैगन, मंगलकारी उपहार है हरा ड्रैगन

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फेंगशुई चीनियों का वास्तु ज्ञान है, जिसे भारत में खासा पसंद किया जा‍ता है। पशु-पक्षियों को फेंगशुई में विशेष स्थान प्राप्त है। शुभता, रक्षा और प्यार और समृद्धि के लिए इन्हें दिशा विशेष में रखा जाता है और मनचाहे फल प्राप्त किए जाते हैं। 
फेंगशुई जानकारों का विश्वास है कि हर घर के बाहर चार जानवर- काला कछुआ, लाल पक्षी, सफेद बाघ एवं हरा ड्रैगन मौजूद होते हैं, जो घर की सुरक्षा करते हैं।
 
काला कछुआ उत्तर, लाल पक्षी दक्षिण, सफेद बाघ पश्चिम एवं हरा ड्रैगन पूर्व दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। हरा ड्रैगन यांग शक्ति है, जो कि पुरुष है और इसका घर के बाएं भाग में अथवा पूर्व दिशा में स्थित होना श्रेयस्कर माना जाता है। सफेद बाघ उसका साथी है, जो यिन शक्ति यानी स्त्री है एवं घर के दाहिनी ओर अर्थात पश्चिम दिशा में इसे स्थान देना अच्छा माना जाता है।

हरे ड्रैगन को सदैव सफेद बाघ से उच्च स्‍थान पर होना चाहिए अर्थात दाएं तरफ की भूमि बाएं तरफ की भूमि से ऊंची होना चाहिए। चूंकि ड्रैगन को पूर्व दिशा से संबद्ध माना जाता है इसलिए यदि पूर्व में इसकी आकृति को घर या दफ्तर में टेबल पर रखा जाता है तो इसे फेंगशुई का उत्तम संयोजन माना जाता है। 

यह आकृति क्रिस्टल, कांच, बोन चाइना, लकड़ी या सिरामिक से बनी हो तो बेहतर है। ड्रैगन को धातु का नहीं बना होना चाहिए, यहां तक कि सोने का भी नहीं, क्योंकि दोनों यांग शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
ड्रैगन को शयनकक्ष में रखने से मना किया गया है, क्योंकि शयनकक्ष की प्रकृति यिन होती है। वहां यांग शक्ति की उपस्थिति से यिन स्थिरता में व्यवधान उत्पन्न हो सकता है जिसके कारण तनाव और बेचैनी उत्पन्न हो सकती है। ऐसे चीनी मिट्टी के पात्र या फूलदान आदि जिन पर हरा ड्रैगन अंकित हो, उन्हें मंगलकारी उपहार वस्तु माना जाता है।

फर्नीचरों में ड्रैगन की आकृति आसानी से उकेरी जा सकती है। किसी को अगर उपहार में ड्रैगन फर्नीचर दिए जाएं तो उनके लिए काफी भाग्यशाली साबित होते हैं। चीनी लोग गर्भाधान में सौभाग्य को भी ड्रैगन से जोड़कर देखते हैं, जो उर्वरता का प्रतीक है तथा नई शुरुआत से संबद्ध है।
 
क्रिस्टल, सिरेमिक या बहुमूल्य पत्थरों के बने ड्रैगन को घर के दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में रखने की सलाह दी गई है। 

ड्रैगन के सिर वाले कछुए को भी मंगलकारी बताया गया है, जो दीर्घ जीवन, सुरक्षा, साहस और सफलता प्रदान करने वाला माना जाता है। हालांकि इस प्रतीक को घर में कहीं भी रखा जा सकता है, परंतु उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व में रखने से विशेष लाभ संभव है।
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