वास्तु टिप्स : घर की छत कैसी होना चाहिए, जानिए 7 खास बातें

अनिरुद्ध जोशी
घर की छत कई प्रकार की होती है। जब हम छत की बात कर रहे हैं तो इसका मतलब यह कि एक तो आपके रूम के भीतर की छत जहां पंखा आदि लगा होता है और दूसरा वह छत जिसे गच्ची या उपरी छत कहते हैं। आओ जानते हैं कि घर की उपरी छत कैसी होना चाहिए।
 
1. छत के प्रकार ( Roof type ) : मुख्‍यत: तीन प्रकार की होती है- सपाट छत, ढालू छत और गोल छत। तीनों ही छत वास्तु अनुसार बने तो बेहतर है। सपाट छत के उपर और भी मंजिलें बनाई जा सकती है लेकिन ढालू छत में यह संभव नहीं। हालांकि कुछ मकान ऐसे होते हैं जिसमें सपाट और ढालू दोनों ही प्रकार की छतों का उपयोग किया जाता है। अधिक वर्षावाले या बर्फबारी वाले क्षेत्रों में प्राय: ढालू छतें ही बनती हैं।
ALSO READ: वास्तु विशेष : ऑफिस और घर में इन 12 बातों को अपनाएं, जीवन में मनचाही तरक्की पाएं
 
2. छत की ढलान ( Roof slope ) : शहरों में अधिकतर सपाट छतों वाले मकान होते हैं। इन छतों में ध्यान रखने वाली बात यह कि ढलान किस ओर होना चाहिए। छत या घर के फर्श का ढलान वास्तु अनुसार रखना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ ढलान होना चाहिए। घर की छत का ढलान इसके विपरित नहीं होना चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि जिसका पश्चिम या दक्षिणमुखी माकन हो तो वह क्या करें। इसके लिए किसी वास्तुशास्त्री से मिलकर स्थान को देखकर ही ढलान किधर होना चाहिए यह तय होगा।
 
3. छत में उजालदान ( Skylight in the roof ) : घर की छत में किसी भी प्रकार का उजालदान न हो। जैसे आजकल घर की छत में लोग दो-बाइ-दो का एक हिस्सा खाली छोड़ देते हैं उजाले के लिए। इससे घर में हमेशा हवा का दबाव बना रहेगा, जो सेहत और मन-मस्तिष्क पर बुरा असर डालेगा।
 
4. तिरछी छत ( Askew or Slanted roof ) : तिरछी छत बनाने से बचें- छत के निर्माण में इस बात का ध्यान रखें कि वह तिरछी डिजाइन वाली न हों। इससे डिप्रेशन और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।
 
ALSO READ: फिटकरी के 5 उपाय से दूर होगा वास्तुदोष, कर्ज मुक्ति और मिलेगा धन
5. छत की ऊंचाई ( ceiling height ) : घर की छत की ऊंचाई भी वास्तु अनुसार होना चाहिए।। यदि ऊंचाई 8.5 फुट से कम होती है तो यह आपके लिए कई तरह की समस्याएं लेकर आती है और जीवन में आगे बढ़ना आपके लिए मुश्किल हो जाएगा है। घर यदि छोटा है तो छत की ऊंचाई कम से कम 10 से 12 फुट तक होनी चाहिए। इससे ज्यादा ऊंची रखने के लिए वास्तुशास्त्री से संपर्क करना चाहिए।
 
 
6. छत पर गंदगी या अटाला ( Dirt Attala on the roof ) : घर की छत पर किसी भी प्रकार की गंदगी न करें। यहां किसी भी प्रकार के बांस या फालतू सामान भी न रखें। जिन लोगों के घरों की छत पर अनुपयोगी सामान रखा होता है, वहां नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय रहती हैं। उस घर में रहने वाले लोगों के विचार नकारात्मक होते हैं। परिवार में भी मनमुटाव की स्थितियां निर्मित होती हैं। इससे लाल किताब अनुसार कुंडली का 12वां भाव भी दूषित हो जाता है।
ALSO READ: रसोईघर के 10 महत्वपूर्ण वास्तु नियम नहीं जानें तो होगा नुकसान
7. छत पर पानी का टैंक ( Roof water tank ) : पानी का टैंक घर की छत पर रखा पानी का टैंक किस दिशा में हो, यह जानना जरूरी है। उत्तर-पूर्व दिशा पानी का टैंक रखने के लिए उचित नहीं है, इससे तनाव बढ़ता है और पढ़ने-लिखने में बच्चों का मन नहीं लगता है। दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि की दिशा है इसलिए भी इसे पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। अग्नि और पानी का मेल होने से गंभीर वास्तुदोष उत्पन्न होता है। वास्तु विज्ञान के अनुसार दक्षिण-पश्चिम यानी नैऋत्य कोण अन्य दिशा से ऊंचा और भारी होना शुभ फलदायी होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Gudi padwa 2024: हिंदू नववर्ष 2081 पर जानिए कैसा रहेगा 12 राशियों का भविष्यफल

Gudi padwa 2024: हिंदू नववर्ष कैसे मनाते हैं, जानें गुड़ी पड़वा की पूजा विधि

Surya Grahan 2024: चैत्र नवरात्रि से पहले लगेगा सूर्य ग्रहण, 6 राशियों की किस्मत पलट देगा

lakshmi chalisa: लक्ष्मी चालीसा का पाठ यदि किया इन 5 नियमों के अनुसार तो होगा धन लाभ

Surya Grahan 2024: 54 साल बाद बाद लगेगा खग्रास सूर्य ग्रहण, जानें 5 रोचक तथ्य

Vastu Tips : यदि किचन यहां पर बना है तो घर में होगा गंभीर असाध्य रोग, तुरंत करें उपाय

Chaitra Navratri 2024 : चैत्र नवरात्रि में किस पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, जानें भविष्यफल

Weekly Panchang April 2024: अप्रैल महीने का नया सप्ताह शुरू, जानें साप्ताहिक शुभ मुहूर्त

Basoda puja 2024 : शीतला अष्टमी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Sheetala saptami 2024 : शीतला सप्तमी और अष्टमी पर क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए

अगला लेख