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क्या 1965 भारत-पाक जंग में गद्दारी के कारण खत्म हुई मुस्लिम रेजिमेंट, जानिए वायरल दावे का पूरा सच...

हमें फॉलो करें क्या 1965 भारत-पाक जंग में गद्दारी के कारण खत्म हुई मुस्लिम रेजिमेंट, जानिए वायरल दावे का पूरा सच...
, गुरुवार, 30 जुलाई 2020 (13:06 IST)
सोशल मीडिया पर भारतीय सेना से जुड़ी एक पोस्ट वायरल हो रही है। दावा है कि साल 1965 में भारतीय सेना में मौजूद मुस्लिम रेजिमेंट ने पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ने से मना कर दिया था, जिसके बाद मुस्लिम रेजिमेंट को भंग कर दिया गया।

क्या है वायरल-

फेसबुक पेज Ambedkar and Politics से एक पोस्ट लिखा गया है- “क्या आपको पता है 1965 की इंडो-पाक लड़ाई में मुस्लिम रेजिमेंट ने पाकिस्तान के साथ लड़ने से मना कर दिया था।” इस पोस्ट पर 2500 से अधिक लोगों ने रिएक्ट किया है, वहीं 1500 से अधिक लोगों ने इसे शेयर भी किया है।



वहीं, एक ट्विटर यूजर ने लिखा- “मुसलमान फौजियों की गद्दारी की बजह से मुस्लिम रेजिमेंट खत्म की गई। फौज में एक समय मुस्लिम रेजिमेंट थी। लेकिन मुस्लिम रेजिमेंट के 20 हज़ार फौजियों ने 1965 की जंग में लड़ने से इनकार कर दिया था। इसलिए मुस्लिम रेजिमेंट को खत्म कर दिया गया।”



क्या है सच-

हमने सबसे पहले भारतीय सेना की आधिकारिक वेबसाइट को चेक किया। वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना में मद्रास रेजिमेंट, राजपूत रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट, गोरखा रायफल्स, नागा रेजिमेंट समेत अन्य रेजिमेंट मौजूद हैं। लेकिन इसमें मुस्लिम रेजिमेंट का जिक्र नहीं है।

पड़ताल जारी रखते हुए हमने इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमें भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन का लिखा एक आर्टिकल मिला। ‘The ‘missing’ muslim regiment: Without comprehensive rebuttal, Pakistani propaganda dupes the gullible across the board’ शीर्षक के इस आर्टिकल में उन्होंने मुस्लिम रेजिमेंट से जुड़े वायरल दावे को पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस का दुष्प्रचार बताया है। 

हसनैन लिखते हैं, “सेना में कभी कोई मुस्लिम रेजिमेंट नहीं था और निश्चित तौर पर 1965 में तो ऐसा कुछ भी नहीं था। हालांकि, अलग-अलग रेजिमेंट में मुस्लिम सैनिकों की वीरता की कई मिसालें हैं। आज के समय में परमवीर चक्र अब्दुल हमीद को कम याद किया जाता है। मेजर (जनरल) मोहम्मद जकी (वीर चक्र) और मेजर अब्दुल रफी खान (मरणोपरांत वीर चक्र), जिन्होंने अपने चाचा मेजर जनरल साहिबजादा याकूब खान, जो पाकिस्तानी डिविजन को कमांड कर रहे थे, के साथ जंग लड़ी। 1965 की लड़ाई में मुस्लिम योद्धाओं की ऐसी मिसालें मौजूद हैं। 1971 की लड़ाई में भी यही हुआ।”

वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया कि भारतीय सेना में मुस्लिम रेजीमेंट ना होने के पीछे गद्दारी का वायरल दावा झूठा है। भारतीय सेना में कभी कोई मुस्लिम रेजिमेंट नहीं था।

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