(Photo:Screenshot of viral video)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राज्यसभा में कहा था कि देश में आंदोलनजीवी नाम की एक नई जमात पैदा हो गई है जो अलग-अलग आंदोलन में पहुंच जाती है और इसके बिना जी नहीं सकती। विपक्ष ने पीएम मोदी के इस बयान की आलोचना की। इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। 2 मिनट 20 सेकेंड के इस वीडियो को शेयर कर यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि नितिन गडकरी ने मोदी के आंदोलनजीवी वाले बयान का विरोध किया है।
क्या है वायरल वीडियो में-
MP Congress और कांग्रेस के कई नेताओं ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से शेयर किया है। इस वीडियो में गडकरी कह रहे हैं- “प्रधानमंत्री जो बात कह रहे हैं वो लोकतंत्र के खिलाफ है और भ्रष्ट नेताओं और सरकारों के खिलाफ आंदोलन करना संवैधानिक अधिकार है, जनता का अधिकार, नागरिकों का अधिकार है। आंदोलन करने का अधिकार प्रधानमंत्री ने देश को नहीं दिया बल्कि संविधान ने दिया है।” वीडियो में गडकरी आंदोलन करने वालों का समर्थन करते और प्रधानमंत्री पर लगातार निशाना साधते हुए सुने जा सकते हैं।
क्या है सच-
नितिन गडकरी ने इस वीडियो में अन्ना हज़ारे, बाबा रामदेव और प्रधानमंत्री का ज़िक्र किया है। यूट्यूब पर कुछ कीवर्डस की मदद से सर्च करने पर हमें ओरिजनल वीडियो मिल गया। भाजपा ने अपने यूट्यूब चैनल पर इसे 16 अगस्त 2011 को अपलोड किया था।
उस दौरान देश में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चल रहा था। इसी आंदोलन का समर्थन करते हुए गडकरी ने तत्कालीन कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार पर हमला बोला था और कहा था कि प्रधानमंत्री किस आधार पर शांतिपूर्ण आंदोलन का विरोध कर रहे हैं।
वेबदुनिया की पड़ताल में वायरल हो रहा नितिन गडकरी का वीडियो पुराना निकला। 15 अगस्त 2011 को भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उस वक्त प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह पर ये टिप्पणी की थी।