दिमाग को व्यस्त रखेंगे तो स्वस्थ रहेंगे

Webdunia
शनिवार, 1 नवंबर 2014 (11:50 IST)
बकुला पारेख
 
 इन 'टॉप' 10 को अपनाएं और दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखें

 
 व्यायाम कीजिए चुस्त-दुरुस्त रहिए। यह बात हम पढ़ते आए हैं, सुनते आए हैं और देखते भी आए हैं, लेकिन क्या शारीरिक व्यायाम के साथ मानसिक व्यायाम की आवश्यकता को हमने समझा है? प्रायः देखा गया है कि शादी के चंद वर्षों में युवतियां अपनी पढ़ाई भी भूल जाया करती हैं।


 

 
अभी कुछ दिनों पूर्व की ही बात है, एक परिचिता, जो कि एमएससी, एमएड हैं, उनके पास-पड़ोस का एक बच्चा गणित संबंधी समस्या लेकर आया। वे उस समय टीवी सीरियल देख रही थीं। तपाक से बोलीं 'भई मैं तो अब सब भूलभाल गई हूं। तुम अपने टीचर से पूछ लेना।' 
 
यह उन परिचिता की ही नहीं, एक आम बात है। पढ़ाई भूलने का कारण एक तो आप 'टच' में नहीं रहीं, दूसरा आपने अपना पूरा दिमाग गृहस्थी के कार्यों एवं टीवी देखने में लगा दिया, शेष कुछ समय बचा भी तो रिश्तेदारी एवं कॉलोनी की अंदरूनी बातों को समझने में लगा दिया, तो आपका दिमागी व्यायाम हो ही नहीं पाया। 
 
वैज्ञानिकों के अनुसार आप दिमाग का जितना उपयोग करते हैं, उतना ही वह सक्रिय रह पाता है। तो सवाल यह उठता है कि कैसे दिमाग का उपयोग करें। आइए सीखते हैं कुछ गुर -
 
* अगर आप जॉब में नहीं हैं, तो आपके पास बहुत-सा समय है। फुरसत के समय अपने बच्चों की पुस्तकें देखिए। उन्हें स्वयं पढ़कर समझिए। साथ में डिक्शनरी रखिए। पूरा पाठ स्वयं समझ कर सरल भाषा में उदाहरण सहित बच्चों को समझाइए। 
 
* अगर आप का माध्यम हिन्दी रहा है या आपकी अंगरेजी कमजोर है तो अपना अंगरेजी ज्ञान मजबूत बनाइए। एक उम्र के बाद समझ शक्ति बढ़ जाती है। विद्यार्थी जीवन में जो पढ़ाई आप कठिनाई से समझ पाते थे, वह अब अपेक्षाकृत जल्दी समझ में आती है तो शुरू कीजिए अंगरेजी सीखना। 
 
* समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएं नियमित रूप से पढ़िए। एक सर्वे के अनुसार पुस्तक पढ़ने वालों का आईक्यू, टीवी देखने वालों से अधिक होता है। क्योंकि पढ़ने से कल्पनाशीलता बढ़ती है और इसके द्वारा दिमागी व्यायाम भी हो जाता है। 
 
* अगर आपको लिखने का शौक है तो पत्रिकाओं, पेपर में छपे आर्टिकल की प्रतिक्रियाएं अपने विचारों के अनुरूप लिखिए। यह भी दिमागी व्यायाम का तरीका है। 
 
* पहेलियों को सुलझाइए, पढ़ाई अधूरी है तो पूरी कीजिए। 
 
* बौद्धिक टीवी कार्यक्रम देखिए। साथ में स्वयं का ज्ञान परखिए। 
 
* आप खाना तो बनाती ही हैं। कुछ पुरातन एवं लंबी प्रक्रिया को अपनी बुद्धि से कम समय में एवं पौष्टिकता के साथ बनाना सीखिए। 
 
* जीवन में आने वाली कार्य संबंधी समस्याओं को बातचीत द्वारा हल करने की कोशिश करें। 
 
* कुछ नए कार्यों को एवं उपकरणों को सीखें जैसे कम्प्यूटर चलाना, इंटरनेट पर सर्फिंग करना, बैंक तथा बाजार के आवश्यक कार्यों को समझना, ड्राइंग-पेंटिंग जैसे रुचिपूर्ण कार्यों को करना। 
 
* अपने घर-गृहस्थी संबंधी कार्यों से संबंधित लेख एवं जानकारियों को पढ़ते रहिए, जो आपको बनाएगा घर की कुशल प्रबंधक। तो आइए इन 'टॉप' 10 को अपनाएं और दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखें।
 
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