अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस - महिला दिवस पर भाषण देने से नहीं, कुछ करने से बदलाव आएगा

Webdunia
मनीषा कुलश्रेष्ठ, साहित्यकार 

 
महिला दिवस का मतलब बस टैम्पर होना नहीं, कई भाषण देना नहीं है होना चाहिए...चलो कुछ किया जाए....
 
 
१. धरती पहली स्त्री : एक पेड़ रोपा जाए
 
 
२. किसी बड़ी उम्र की एकाकी स्त्री को साथ लेकर कहीं लंच पर जाया जाए
 
 
३. एक डाक वाला पत्र अपनी मां को या बेटी को लिखा जाए
 
 
४. बैठ कर अपनी सहायिका या इस पास काम करती किसी श्रमिका संग चाय लेकर बतियाया जाए
 
५. उन सब पुरुषों को फोन किया जाए जिनके होने से आपका स्त्री होना, आपका मजबूत होना, रचनात्मक होना और गाढ़ा और रेखांकित होता है। 
 
 

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