महिला दिवस : उजली सुबह की धूप स्त्री

शैली बक्षी खड़कोतकर
स्त्री...
स्त्री जाग गई है
स्त्री, बुहार रही हैं आंगन
फेंक देगी आज
बीती रात की चुभती किरचें 
टूटी उम्मीदों के नुकीलें टुकड़े
और अधूरे सपनों की रद्दी कतरनें
स्त्री धो रही हैं कपड़े
घिस-घिस कर साफ करेगी
कड़वाहट की धूसर ओढ़नी
मन पर चढ़ी मैल की परतें
और अतीत के पुराने बदरंग गिलाफ
 
स्त्री फूंक रही हैं चूल्हा
उपहास उपेक्षा के अंगारे सुलग उठे हैं
अपमान की तीखी आंच पर
उबल रही है ताजा चाय
हवा में तैर रही हैं उमंग की महक
 
स्त्री संवार रही हैं खुद को
आशाओं के धुंधले दर्पण में
सुलझ रही हैं लटों में लिपटी उलझनें
कपोंलो पर हैं आस की रक्तिम आभा
और सुरमई आंखों में उतर आई
उजली सुबह की धूप...
Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

अगला लेख