सुरेश रैना ने खोला पाकिस्तान पर जीत का दरवाजा

अनवर जमाल अशरफ
भले ही स्कोरबोर्ड पर विराट कोहली के नाम शतक दर्ज हुआ हो, भले ही विराट को मैन ऑफ द मैच चुना गया हो लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ मैच में सबसे उपयोगी पारी सुरेश रैना की रही। उनके धुआंधार 74 रनों ने पाकिस्तान पर जो दबाव बनाया, वह उससे पार नहीं पा सका।
 
रैना को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजना भारतीय कप्तान की एक जोखिम भरी रणनीति थी, जो सही साबित हुई। शिखर धवन के आउट होने के बाद बाएं और दाएं बल्लेबाजों का सिलसिला बनाए रखने के लिए उन्हें अजिंक्या रेहाने से ऊपर भेजा गया। खराब फॉर्म में चल रहे रैना ने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और सिर्फ 56 गेंदों में तीन छक्के और पांच चौके जड़े। उन्होंने पाकिस्तानी आक्रमण की कमर तोड़ दी। उन्होंने ये रन ऐसे वक्त में बनाए, जब भारत औसत दर से स्कोरिंग कर रहा था और उस हिसाब से स्कोर 280 के आस पास बनते दिख रहे थे। अगर टीम इंडिया 300 के मनोवैज्ञानिक स्कोर तक नहीं पहुंचता, तो मैच का नतीजा कुछ और भी हो सकता था।
 
भारत की रणनीति में बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाजों को लगातार क्रीज पर बनाए रखना भी एक जबरदस्त फैसला था। अगर दूसरा विकेट शिखर धवन की जगह विराट कोहली का गिरा होता, तो हो सकता था कि कप्तान धोनी अपने नियमित नंबर चार यानी रेहाने को ग्राउंड पर भेजते।
 
लेकिन ऐसा नहीं हुआ और रैना को प्रमोट किया गया, जो आम तौर पर छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। रैना ने इस तनाव वाले मैच में पहले खुद को सेट किया और फिर पाकिस्तान को अपसेट। उनके आउट होते ही रनों की रफ्तार भी धीमी पड़ गई और कभी 320 के आंकड़े तक पहुंच रही टीम सिर्फ 300 रन ही बना सकी।
 
भले ही कोहली को दो जीवनदान मिले हों, फिर भी उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में शतक बनाने वाले पहले भारतीय का रिकॉर्ड तो बना ही दिया। उनके इस सैकड़े को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है। सधी हुई पारी के बाद उन्होंने सधा हुआ बयान भी दिया कि “हर खिलाड़ी के जिम्मे कुछ काम दिया गया था। उनका काम पिच पर रुकना था और उन्होंने अपना काम किया।”
 
इससे पहले टॉस जीतना भी भारत के हित में गया। इस बार के वर्ल्ड कप में अब तक के सारे मैच पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीते हैं और उन्होंने कम से कम 300 रन बनाए हैं। पहले बल्लेबाजी का फैसला भारतीय टीम के लिए भी फायदे का सौदा साबित हुआ। पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी मैच सिर्फ आंकड़ों के बल पर नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी खेला जाता है। बड़े स्कोर के साथ भारत ने यह मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली।
 
इस जीत के साथ वर्ल्ड कप मुकाबलों में भारत का स्कोर पाकिस्तान के खिलाफ 6-0 हुआ। वर्ल्ड कप के पहले मैच में जीत खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाती है। लेकिन हर जीत के साथ अगली चुनौती आती है। भारत जिस तरह पाकिस्तान से कोई मैच नहीं हारा है, उसी तरह दक्षिण अफ्रीका से कोई मैच नहीं जीता है। उसका अगला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से ही होना है।
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