योगा फॉर ब्यूटीफुल फेस

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
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योग में अंगसंचालन का बहुत महत्व है इसे सूक्ष्म व्यायाम या योगा एक्सरसाइज कहते हैं। बॉडी के प्रत्येक बाहरी और भीतरी अंगों के लिए योग में सूक्ष्म व्यायामों का उल्लेख मिलता है। यहाँ प्रस्तुत है स्वस्थ और सुंदर चेहरे के लिए एक्सरसाइज।

1. आँखों के लिए: गर्दन को सीधा रखकर आँखों की पुतलियों को पहले चार से छह बार ऊपर-नीचे और फिर दाएँ-बाएँ घुमाएँ। तत्पश्चात चार से छह बार दाएँ-बाएँ गोलाई में घुमाएँ अर्थात क्लाकवाइज और एंटी क्लाकवाइज। आँखों के लिए त्राटक विद्या भी किसी योग चिकित्सक से सीखकर ‍की जा सकती है। फिर हथेलियों के मध्य भाग से आँखों को कुछ देर तक ढँककर रखें।

2. आई ब्रो के लिए: आई ब्रो को भृकुटि के अर्थात दोनों आई ब्रो के मध्य स्थान से अँगूठे और तर्जनी अँगुली से पकड़कर हल्के से दबाएँ।

3. गालों के लिए: मुँह में हवा भर लें। उस हवा को चार से छह बार दाएँ-बाएँ घुमाएँ फिर चार-छह बार हवा भरें और निकाले। गालों को हल्के से हथेलियों से थपथपाएँ। फिर ठोड़ी को हाथ के पृष्ठ भाग से थपथपाएँ।

4. कानों के लिए: दाएँ हाथ की अँगुलियों से दायाँ और बाएँ से बायाँ कान पहले नीचे से पकड़कर मरोड़े और फिर ऊपर से पकड़ कर मरोड़े। फिर कुछ देर के लिए कानों के दोनों छिद्र अँगुलियों से बंद कर दें।

5. गर्दन के लिए: गर्दन के लिए ब्रह्ममुद्रा का अभ्यास करें। पहले गर्दन को दाएँ फिर बाएँ घुमाएँ। फिर ऊपर और नीचे करें। यह प्रक्रिया चार से छह बार करने के बाद गर्दन को गोलाई में घुमाएँ अर्थात क्लाकवाइज और एंटी क्लाकवाइज।

7. चेहरे की झुर्रियों के लिए: कपोल शक्ति विकासक आसन से चेहरे की झुर्रियाँ खत्म हो जाती हैं। इसके लिए दोनों हाथों की अँगुलियों को आपस में मिलाते हैं। इसके बाद दोनों अँगूठों से दोनों नासिका यानी नाक के द्वार को बंद करते हैं। इस दौरान दोनों कोहनियाँ कंधों की सीध में रहती है।

अब होठों को चोंच की तरह गोल बनाते हुए साँस लेते हैं फिर गाल फुलाते हुए हवा अंदर ही रोकरकर ठु़ड्डी को छाती से लगाते हैं। इस दौरान दोनों छोटी अँगुलियाँ छाती से स्पर्श रहेगी। फिर कुछ देर आँखें बंदकर इस अवस्था में पाँच से छह सेकेंड साँस रोककर रखते हैं। इस क्रिया को पाँच बार दोहराया जा सकता है।

6. संपूर्ण चेहरे के लिए: कुंजल क्रिया, जलनेति, योग मुद्रा, विपरीत करणी, सर्वांगासन, हलासन, मत्स्येन्द्रासन, सुप्त कटि चक्रासन, सुप्त कोणासन, पश्चिमोत्तानासन और उत्तानापादासन करें। पाँच मिनट का ध्यान करें। हो सके तो शंखप्रक्षालन करें।

सावधानी : मसालेदार भोजन ना करें। कभी भी कब्ज ना होने दें। चेहरे को तेज धूप, धूल और धुएँ से बचा कर रखें। किसी भी क्रिया को आवश्यकता से अधिक ना करें। किसी भी आसन या क्रिया को जोर लगाकर ना करें ।

इसके लाभ : यह एक्सरसाइज चेहरे की मृत कोशिकाओं में जान डाल देगी। रक्त अशुद्धता को दूर कर यह क्रियाएँ चेहरे की चमक और दमक को बढ़ा देगी। आपका चेहरा कोमल, साफ-सुथरा और बेदाग नजर आएगा। आँखें की एक्सरसाइज से वे स्वस्थ और सुंदर बनी रहेगी। कपोल क्रिया के अभ्यास से पिचके हुए गाल भर जाते हैं। झुर्रियाँ दूर होती हैं। गाल स्वाभाविक अवस्था में आ जाते हैं।

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