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21 जून योग दिवस का इतिहास, जानें 2025 की थीम से हम क्या सीखें

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WD Feature Desk

, मंगलवार, 17 जून 2025 (14:43 IST)
Yoga Day History: 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करने का एक वैश्विक प्रयास है। आइए यहां जानते हैं 21 जून योग दिवस का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम:ALSO READ: 21 जून योग दिवस 2025: सूर्य नमस्कार करने की 12 स्टेप और 12 फायदे
 
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत का श्रेय भारत और विशेष रूप से भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है।
 
प्रस्ताव: 27 सितंबर 2014 को, तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि 'योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह मन और शरीर, विचार और क्रिया, संयम और पूर्णता, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।'
 
अभूतपूर्व समर्थन: इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में अभूतपूर्व समर्थन मिला। 177 सदस्य देशों ने इसका सह-प्रायोजन किया, जो कि किसी भी UNGA प्रस्ताव के लिए सबसे अधिक संख्या थी।
 
घोषणा: 11 दिसंबर 2014 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया।
 
पहला योग दिवस: पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को दुनिया भर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। प्रथम बार विश्व योग दिवस के अवसर पर 192 देशों में योग का आयोजन किया, जिसमें 47 मुस्लिम देश भी शामिल थे। इस अवसर पर दिल्ली में एक साथ 35985 लोगों ने योग का प्रदर्शन किया, जिसमें 84 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे और भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बनाकर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज करा लिया। 
 
पहला रिकॉर्ड एक जगह पर सबसे अधिक लोगों के योग करने का बना, तो दूसरा एक साथ सबसे अधिक देशों के लोगों के योग करने का। वर्तमान में योग को शारीरिक, मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य व शांति के लिए बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है। और इसी को बढ़ावा देने के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन करोड़ों लोगों ने दुनिया भर योग किया, जो कि एक रिकॉर्ड था। यही कारण है कि योग से शा‍रीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है।ALSO READ: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: 30 की उम्र तक हर महिला को शुरू कर देना चाहिए ये 5 योग अभ्यास
 
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम: 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम की घोषणा पहले ही कर दी है। इस वर्ष की थीम है: 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' (Yoga for One Earth, One Health) इस थीम का अर्थ यह हैं कि यह थीम केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य (Holistic Health) के विचार को बढ़ावा देती है। योग व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। जब व्यक्ति स्वस्थ होते हैं, तो समुदाय भी स्वस्थ होता है।
 
पर्यावरणीय स्वास्थ्य: यह थीम योग के सिद्धांतों को पर्यावरण संरक्षण और धरती के स्वास्थ्य से भी जोड़ती है। यह हमें सिखाती है कि हमारा स्वास्थ्य केवल हमारे शरीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उस ग्रह के स्वास्थ्य से भी जुड़ा है जिस पर हम रहते हैं। यह पर्यावरण और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन और सामंजस्य को बढ़ावा देती है।
 
वसुधैव कुटुंबकम्: यह थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' (One Earth, One Family, One Future) के G20 के आदर्श वाक्य के अनुरूप है, जो वैश्विक एकजुटता और साझा कल्याण पर जोर देती है। यह थीम योग को एक ऐसी शक्ति के रूप में प्रस्तुत करती है जो न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार ला सकती है, बल्कि एक स्वस्थ, टिकाऊ और सामंजस्यपूर्ण वैश्विक समुदाय के निर्माण में भी योगदान दे सकती है।

अस्वीकरण (Disclaimer): चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: 21 जून योग दिवस 2025: अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के 10 फायदे

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