चित्त मुद्रा योग, ध्यान के लिए उपयोगी

अनिरुद्ध जोशी
चित्त के तीन अर्थ है उल्टा, मनस और निश्चय। इस मुद्रा को बनाने के बाद हथेलियों को उल्टा भूमि की ओर कर देते हैं। यह मन को काबू में करने वाली मुद्रा है इसीलिए इसे चित्त हस्त मुद्रा योग कहते हैं।
 
 
मुद्रा बनाने की विधि- दोनों हाथों की तर्जनी अंगुली को मोड़कर उसके प्रथम पोर को अंगूठे की जड़ से लगा दें। इससे इनके बीच में गोल सी आकृति बन जाएगी और फिर हथेलियों का रुख नीचे की ओर कर लें। इसी को चित्त मुद्रा कहते हैं।
 
इस मुद्रा का लाभ- वैसे ध्यान करने के दौरान इस मुद्रा का उपयोग किया जाता है। इसके अभ्यास से इससे नाड़ियों को लंबे समय तक मजबूत बने रहने की ताकत देता है। इससे मस्तिष्क को शांति मिलती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

अपनों का दिन बनाएं मंगलमय, भेजें सुन्दर आध्यात्मिक सुप्रभात् संदेश

रात को शहद में भिगोकर रख दें यह एक चीज, सुबह खाने से मिलेंगे सेहत को अनगिनत फायदे

इम्युनिटी बढ़ाने के साथ दिन भर तरोताजा रखेंगे ये गोल्डन आइस क्यूब, जानिए कैसे तैयार करें

कॉर्टिसोल हार्मोन को दुरुस्त करने के लिए डाईट में शामिल करें ये 4 चीजें, स्ट्रेस को कहें बाय-बाय

क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स लेने से जल्दी आता है बुढ़ापा, जानिए सच्चाई

सभी देखें

नवीनतम

23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस

वेंटिलेटर पर रिफिल

विश्व मौसम विज्ञान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? जानें इस वर्ष की थीम

कवि विनोद कुमार शुक्ल, ज्ञानपीठ सम्मान की खबर और उनसे मिलने की एक चाह

हर मौसम में काम आएंगे पानी के संकट से बचने के ये 10 तरीके