40 के बाद भी 25 जैसा ग्लो चाहिए? ये आसान योगासन करेंगे आपकी मदद

WD Feature Desk
सोमवार, 12 मई 2025 (15:59 IST)
anti ageing yoga exercises hindi: बढ़ती उम्र हर किसी के चेहरे और शरीर पर असर डालती है। स्किन पर झुर्रियां, बॉडी में अकड़न, थकान और मन में तनाव, ये सब उम्र के साथ आने वाले आम संकेत हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास योगासन (Yoga Exercises) के माध्यम से न केवल आप इन लक्षणों को कम कर सकते हैं, बल्कि माइंड और बॉडी को अंदर से इतना मजबूत बना सकते हैं कि उम्र आपके आत्मविश्वास और ऊर्जा पर असर ही न डाल सके? एंटी एजिंग योग एक ऐसा ही प्राकृतिक उपाय है जो बिना दवा या महंगे इलाज के आपको जवान और एनर्जेटिक बनाए रखता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से योगासन बढ़ती उम्र के असर को धीमा कर सकते हैं और कैसे इनका नियमित अभ्यास आपको अंदर से फिट और बाहर से आकर्षक बना सकता है।
 
1. ताड़ासन (Tadasana) 
ताड़ासन को ‘Mountain Pose’ भी कहा जाता है। यह शरीर की मुद्रा को सुधारने के साथ-साथ रीढ़ को सीधा रखने और शरीर की ऊंचाई बढ़ाने में मदद करता है।
फायदे:
कैसे करें: पैरों को जोड़कर खड़े हों, दोनों हाथ ऊपर उठाएं और शरीर को पंजों पर उठाते हुए जितना ऊपर जा सकें जाएं। गहरी सांस लें और 10 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें।
 
2. भुजंगासन (Bhujangasana)
इस आसन को ‘Cobra Pose’ भी कहा जाता है। यह पेट, पीठ और चेहरे की मांसपेशियों को सक्रिय करता है जिससे त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियां कम होती हैं।
फायदे:
कैसे करें: पेट के बल लेट जाएं, हाथों को कंधों के नीचे रखें और धीरे-धीरे सिर और छाती को ऊपर उठाएं। गर्दन को पीछे की ओर मोड़ते हुए गहरी सांस लें।
 
3. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana) 
इस आसन में आप आगे की ओर झुकते हैं जिससे पाचन तंत्र एक्टिव होता है और शरीर की गंदगी बाहर निकलती है।
फायदे:
कैसे करें: सीधे बैठें, दोनों पैर सामने फैलाएं। सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे सामने झुकें और दोनों हाथों से पैरों की उंगलियों को पकड़ने की कोशिश करें।
 
4. सर्वांगासन (Sarvangasana) 
इस आसन को ‘Shoulder Stand’ भी कहा जाता है। यह थायरॉइड ग्रंथि को सक्रिय करता है जिससे हार्मोन बैलेंस होता है और स्किन में ग्लो आता है।
फायदे:
कैसे करें: पीठ के बल लेटकर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और कमर को हाथों से सहारा देते हुए शरीर को सीधा ऊपर की ओर रखें।
 
5. अनुलोम-विलोम (Anulom Vilom) 
यह एक प्राणायाम अभ्यास है जिसमें बारी-बारी से दोनों नाक के छिद्रों से सांस ली और छोड़ी जाती है। यह न केवल मानसिक तनाव को कम करता है बल्कि शरीर की कोशिकाओं को भी फिर से जीवंत बनाता है।
फायदे:
कैसे करें: दायीं नाक बंद करके बाईं ओर से सांस लें, फिर बाईं नाक बंद करके दाईं ओर से सांस छोड़ें। यही प्रक्रिया उलटे क्रम में दोहराएं।
 
6. ब्रह्मारी प्राणायाम (Bhramari) 
यह मधुमक्खी की तरह आवाज निकालने वाला प्राणायाम है जो चेहरे की नसों को सक्रिय करता है और ब्लड फ्लो को तेज करता है।
फायदे:
कैसे करें: गहरी सांस लेकर ‘ह्म्म्म्म’ की ध्वनि के साथ धीरे-धीरे छोड़ें, और यह प्रक्रिया कम से कम 5 बार दोहराएं। 


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