उदराकर्षण- पेट की चर्बी मिटाए और कब्ज हटाए

Webdunia
योग में ऐसे कई आसन हैं जिसको करने से आपकी कब्ज की समस्या जड़ से समाप्त होकर पेट की चर्बी हटकर पेट नरम हो सकता है। उन्हीं सबसे उत्तम आसनों में से एक है उदराकर्षण। इस योग को नियमित करने से आपकी कब्जियत और तोंद की समस्या समाप्त हो सकती है।
 
कहते हैं कि पैर गरम, पेट नरम और सिर ठंडा हो चाहिए। यह आसन आपके पेट को नरम कर देता है। इसे करने से पेट की चर्बी कम होती है और शरीर सुडौल रहता है। 
 
उदराकर्षण करने की विधि :
*आप सबसे पहले आप दोनों पंजों के बल पर बैठ जाएं। 
*गहरी श्वास लें और फिर दाहिने घुटने को भूमि पर टिकाएं और बाएं घुटने को उपर छाती के पास रखें। दोनों ही घुटने अपने हाथ के पंजे से कवर करें। दाहिने घुटने को भूमि पर टिकाते वक्त ध्यान दें कि आपका पंजा तो भूमि पर ही रहे, लेकिन एड़ी हवा में हो।
*अब इसी स्थिति में पूरा शरीर गर्दन सहित बाईं ओर घुमाएं। ऐसी स्थितति में दायां घुटना बाएं पंजे के ऊपर स्पर्श करेगा और अब दाहिने पैर की एड़ी को देखें।
*शुरुआत में एक से दो मिनट तक इसी अवस्था में रहें फिर सामान्य अवस्था में लौट आएं। लौटते वक्त श्वास पूर्णत: बाहर होना चाहिए। इस आसन को लेट कर भी किया जाता है।
 
लाभ: कब्ज और तोंद में अत्यंत लाभदायक यह आसन आप एक दिन में दो से तीन बार करें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

पेट के लिए वरदान है जामुन, जानिए इसके चमत्कारी फायदे

सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

पाकिस्तान में बेनाम सामूहिक कब्रों के पास बिलखती महिलाएं कौन हैं...?

मिस वर्ल्ड 2025 ने 16 की उम्र में कैंसर से जीती थी जंग, जानिए सोनू सूद के किस सवाल के जवाब ने जिताया ओपल को ताज

ऑपरेशन सिंदूर पर निबंध: आतंकवाद के खिलाफ भारत का अडिग संकल्प, देश के माथे पर जीत का तिलक

सभी देखें

नवीनतम

पापा सिर्फ शब्द नहीं, पूरी जिंदगी का सहारा हैं...फादर्स डे पर इमोशनल स्पीच

फादर्स डे पर पापा को स्पेशल फील कराएं इन खूबसूरत विशेज, कोट्स और व्हाट्सएप मैसेज के साथ

ये है भारत का असली नक्शा, जानिए क्या है भारत का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन और इसका महत्व

क्या आपको भी ट्रैवल के दौरान होती है एंग्जायटी? अपनाएं ये टॉप टिप्स और दूर करें अपना हॉलिडे स्ट्रेस

भारत को न्यू इंडिया बनाने का सपना देखने वाले विजनरी, जानिए देश को सुपर पावर बनाने में इनका योगदान

अगला लेख