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25 हजार हार्ट सर्जरी कर चुके डॉक्‍टर ने बताया क्‍यों आता है और कैसे बच सकते हैं ‘हार्ट अटैक’ से?

नवीन रांगियाल
आजादी के अमृत महोत्‍सव के तहत वेबदुनिया ने इंदौर के प्रसिद्ध चिकित्‍सक और हार्ट सर्जन डॉ मनीष पोरवाल से चर्चा की। उन्‍होंने बताया कि किस तरह की खराब लाइफस्‍टाइल की वजह से इन दिनों युवाओं में हार्ट की दिक्‍कतें बढ़ी हैं। लेकिन अगर समय पर कुछ जांचें की जाए तो हार्ट अटैक से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। डॉ पोरवाल ने बताया कि हार्ट अटैक के इलाज में कितना खर्च आता है और गरीब नागरिक कैसे सुविधाओं का लाभ लेकर इलाज करवा सकते हैं। पढ़ते हैं पूरा साक्षात्‍कार।

सवाल : दिल की बीमारियों को लेकर देश में क्‍या स्‍थिति है?
जवाब : हमारे देश में जनसंख्‍या ज्‍यादा है, इसके साथ ही मानसिक तनाव, डायबिटीज, स्‍मोकिंग, ब्‍लड प्रेशर और खराब लाइफस्‍टाइल की वजह से दिल की बीमारियां बढ़ी हैं। आजकल 35 से 40 साल के युवाओं में आ रहा है हार्ट अटैक। 
सवाल: युवाओं में हार्ट अटैक की क्‍या वजह है?
जवाब : देखिए, हमारे युवा इन दिनों लाइफस्‍टाइल को पूरी तरह से इग्‍नौर कर रहे हैं। स्‍मोकिंग और गलत खानपान इसकी एक वजह है। दूसरी वजह है कि युवाओं में इन दिनों डायबिटीज भी बढ़ी है।

सवाल : जो फिट हैं, जिम जाते हैं, उन्‍हें भी हार्ट अटैक आ रहा है। हाल ही में बॉलीवुड सिंगर केके और इसके पहले टीवी कलाकार सिद्धार्थ शुक्‍ला इसके उदाहरण हैं?
जवाब : इसीलिए हर युवा को 40 से 45 की उम्र के बाद टीएमटी टेस्‍ट करवाना चाहिए, जिससे अंदरूनी ब्‍लॉकेज के बारे में पता चल सके। कई लोग कहते हैं कि वे घूमते- फिरते, फिट हैं और पहाड़ों पर चढ़ जाते हैं, लेकिन अचानक अटैक आ जाता है। ऐसे में टीमएटी स्‍क्रिनिंग से ऐसे अंदरूनी ब्‍लॉकेज को डायग्‍नोज किया जा सकता है। सभी को यह टेस्‍ट करवाना चाहिए।

सवाल : हार्ट का इलाज बहुत महंगा माना जाता है, गरीबों के लिए कोई योजना है या वो कैसे सस्‍ते इलाज का फायदा उठा सकता है?
जवाब : प्राइवेट अस्‍पतालों में खर्चा बढ़ा है, डॉक्‍टरों की फीस, स्‍टाफ आदि का खर्च सबकुछ महंगा हो गया है। ऐसे में चिकित्‍सा भी प्रभावित हुई है। उपकरण बहुत महंगे हो गए हैं। हमने पिछली बार दिल्‍ली में चर्चा की थी कि देश में चिकित्‍सा के उपकरण बनने लगे तो इलाज थोड़ा सस्‍ता हो सकता है।

सवाल : दिल के इलाज में कितना खर्च हो जाता है?
जवाब : यह निर्भर करता है, लेकिन बायपास सर्जरी में दो से सवा दो लाख रुपए और प्राइवेट और डीलक्‍स रूम लेने पर ये खर्च 5 लाख तक चला जाता है।

सवाल : क्‍या बायपास का कोई विकल्‍प है?
जवाब : जिनकी नसों में ज्‍यादा ब्‍लॉकेज है, उन्‍हें बायपास कराना होता है। अगर एक ही नस में ब्‍लॉक है तो स्‍टेंट से या एंजियोप्‍लास्‍टी से काम चल जाता है, अगर इससे भी कम क्रिटिकल ब्‍लॉकेज हैं तो मरीज को दवाइयों पर ही रखते हैं।

सवाल : क्‍या पिछले दिनों की तुलना में देश में हार्ट की बीमारियां बढ़ी है?
जवाब : हार्ट के मरीज तो बढ़े हैं, लेकिन अवेयरनेस भी बढ़ी है। लोग जागरूक हुए हैं। हेल्‍थ को लेकर सतर्क हैं लोग। उनके पास सरकार के आयुष्‍मान योजना के भी कार्ड है तो उसका इस्‍तेमाल करते हैं। जागरूक हुए हैं लोग।

सवाल : आपने अब तक कितनी हार्ट सर्जरी की है?
जवाब : 1992 से अब तक मैंने 25 हजार सर्जरी की है। इनमें मुंबई, सिडनी और इंदौर की सर्जरी शामिल हैं।

सवाल : आप अपने दिल को कैसे स्‍वस्‍थ्‍य रखते हैं?
जवाब : मैं खुश रहता हूं, हंसता हूं और मैं जब किसी का सफल इलाज करता हूं तो मुझे खुशी होती है।

सवाल : क्‍या दिल और प्‍यार का आपस में कोई संबंध है?
जवाब : मुझे एक वाकया याद आ रहा है, एक मरीज के दिल का ऑपरेशन किया था, तो उसकी पत्‍नी आकर पूछती है कि क्‍या उसके पति के दिल में उसकी तस्‍वीर नजर आई। तो इस तरह दिल और प्‍यार में लोग संबंध जोड़ते रहते हैं।

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