श्री कृष्ण के 56 नामों की सुंदर स्तुति : कृष्ण, कान्हा और श्याम

Webdunia
ढाई अक्षरों से सजे, कृष्ण, कान्हा और श्याम।
तीन अक्षरों के, मदन, मोहन, माधव, मुरारी,गोकुल के, गोपाल, गोपेश, केशव, बिहारी।
साढ़े तीन के कन्हाई, कन्हैया, विट्ठल कहलाए, गोविंद से बृजेश बनकर, सबके मन को भाए।
चारअक्षरी, यदुराज, यदुनाथ, वासुदेव, बनवारी, श्रीनाथजी, नटवर बने दामोदर, गिरधारी। 
साढ़े चार के नन्दलाल बने वंशीधर, घनश्याम, गोपेश्वर, योगेश्वर, राधाकांत, राधेश्याम।
पंचाक्षर मधुसूदन, मुरलीधर बने माखनचोर, पांडुरंग भी नाम धराया राधारमण, चितचोर। 
साढ़े पांच के नंदकिशोर बने कुंजबिहारी, राधावल्लभ, बृजमोहन, द्वारकाधीश, बांकेबिहारी। 
छै के नन्दनन्दन ही बने, गिरिवरधारी, श्यामसुंदर बने रणछोड़राय द्वारिका, पधारी।
साढ़े छै के गोवर्धनधारी थे तो देवकीनन्दन, यशोदा मैया ने पाला था, कहलाए यशोदानन्दन। 
सप्ताक्षर गिरिराजधरण की शोभा अति प्यारी,साढ़े सात के बृजकुलभूषण, वृंदावनबिहारी।
कामबीजशिरोमणि अष्टाक्षर नाम धराया,भाद्रपद कृष्णा अष्टमी को जन्मदिन पाया। 
सब भक्तों ने श्रद्धा से अपना शीश नवांया,आपके 56 नामों का आपको भोग लगाया।
 
साभार : सोशल मीडिया 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

क्यों वर्ष में एक ही बार नागपंचमी पर खुलते हैं उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट?

नागपंचमी पर जानिए वासुकि, तक्षक और शेषनाग की कहानी

ये 3 राशियां हमेशा क्यों रहती हैं प्यासी और असंतुष्ट?

क्या फिर लौटेगी महामारी! नास्त्रेदमस और बाबा वेंगा की भविष्यवाणी में छुपे 2025 में तबाही के संकेत

शनि और मंगल का होने वाला है आमना-सामना, देश में घट सकती हैं ये 5 घटनाएं

सभी देखें

धर्म संसार

30 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

30 जुलाई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

सावन में शिवजी को कौनसे भोग अर्पित करें, जानें 10 प्रमुख चीजें

शनि मंगल का समसप्तक और राहु मंगल का षडाष्टक योग, भारत को करेगा अस्थिर, 5 कार्य करें

कल्कि जयंती पर क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त, जानिए आने वाले अवतार के 5 रहस्य

अगला लेख