अधिक मास में पढ़ें ब्रह्मा रचित श्री कृष्णस्तोत्र

Webdunia
अधिक मास में करें श्री कृष्णस्तोत्र  वाचन    

ब्रह्मोवाच :
 
श्री कृष्ण भगवान
 
रक्ष रक्ष हरे मां च निमग्नं कामसागरे।
दुष्कीर्तिजलपूर्णे च दुष्पारे बहुसंकटे॥1॥
भक्तिविस्मृतिबीजे च विपत्सोपानदुस्तरे।
अतीव निर्मलज्ञानचक्षुः-प्रच्छन्नकारणे॥2॥
 
जन्मोर्मि-संगसहिते योषिन्नक्राघसंकुले।
रतिस्रोतःसमायुक्ते गम्भीरे घोर एव च॥3॥
प्रथमासृतरूपे च परिणामविषालये।
यमालयप्रवेशाय मुक्तिद्वारातिविस्तृतौ॥4॥
 
बुद्ध्‌या तरण्या विज्ञानैरुद्धरास्मानतः स्वयम्‌।
स्वयं च त्व कर्णधारः प्रसीद मधुसूदन॥5॥
मद्विधाः कतिचिन्नाथ नियोज्या भवकर्मणि।
सन्ति विश्वेश विधयो हे विश्वेश्वर माधव॥6॥
 
न कर्मक्षेत्रमेवेद ब्रह्मलोकोऽयमीप्सितः।
तथाऽपि न स्पृहा कामे त्वद्भक्तिव्यवधायके॥7॥
हे नाथ करुणासिन्धो दीनबन्धो कृपां कुरु।
त्वं महेश महाज्ञाता दुःस्वप्नं मां न दर्शय॥8॥
 
इत्युक्त्वा जगतां धाता विरराम सनातनः।
ध्यायं ध्यायं मत्पदाब्जं शश्वत्‌ सस्मार मामिति॥9॥
ब्रह्मणा च कृतं स्तोत्रं भक्तियुक्तश्च यः पठेत्‌।
स चैवाकर्मविषये न निमग्नो भवेद् ध्रुवम्‌॥10॥
मम मायां विनिर्जित्य स ज्ञानं लभते ध्रुवम्‌।
इह लोके भक्तियुक्तो मद्भक्तप्रवरो भवेत्‌॥11॥
 
॥ इति श्रीब्रह्मदेवकृतं कृष्णस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

इजराइल के दुश्मन क्यों है ईरान सहित सभी मुस्लिम देश?

12 जून से मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, 5 माह तक नहीं होंगे शुभ कार्य

वट सावित्री व्रत दो बार क्यों मनाया जाता है?

शनि देव को अतिप्रिय हैं ये चार फूल: शनि जयंती पर चढ़ाने से दूर होंगे शारीरिक तथा मानसिक कष्ट

वट सावित्री व्रत के दिन नहीं मिले बरगद का पेड़ तो ऐसे करें पूजा

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, नौकरी, रोमांस, करियर और सेहत की जानकारी, पढ़ें कैसा गुजरेगा 24 मई का दिन

24 मई 2025 : आपका जन्मदिन

24 मई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

भारत के इन 5 मंदिरों की संपत्ति जानकर चौंक जाएंगे आप, करोड़ों में आता है चढ़ावा

राहु के कुंभ में गोचर से 4 राशियों का 18 माह तक रहेगा गोल्डन टाइम

अगला लेख