1 भी गोल्ड मेडल नहीं आया कुश्ती में, इन पहलवानों ने जीते आधे दर्जन पदक

Webdunia
रविवार, 8 अक्टूबर 2023 (17:02 IST)
दीपक पूनिया की 86 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में ईरान के अपने आदर्श खिलाड़ी हसन यजदानी के सामने एक नहीं चली जिससे भारतीय पहलवानों ने एशियाई खेलों की कुश्ती प्रतियोगिताओं में शनिवार को यहां छह पदकों के साथ अपने अभियान का अंत किया।

यह दूसरा अवसर था जबकि दीपक का सामना अपने बचपन के आदर्श खिलाड़ी तथा दो बार के ओलंपिक पदक विजेता और आठ बार के विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता यजदानी से था।

दीपक ने एशियाई खेलों में अपने पदार्पण पर ही फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन ईरान के पहलवान के सामने वह कुछ खास नहीं कर पाए और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

‘केतली पहलवान’ के नाम से भी मशहूर 24 वर्षीय दीपक ईरान के पहलवान के खिलाफ एक भी अंक नहीं बना पाए। यजदानी ने पहले पीरियड में ही आठ अंक बना दिए थे और उन्होंने दूसरे पीरियड के शुरू में ही भारतीय खिलाड़ी पर तकनीकी दक्षता के आधार पर जीत दर्ज की।इस बीच यश तुनीर (74 किग्रा), विक्की (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा) पदक दौर तक पहुंचे बिना खेलों से बाहर हो गए।

भारत ने इस तरह से कुश्ती में कुल छह पदक जीते लेकिन इनमें एक भी स्वर्ण पदक शामिल नहीं है।

*भारत को बजरंग पूनिया से सबसे बड़ी निराशा मिली,जो पदक नहीं जीत पाए।दीपक के अलावा भारत की तरफ से सुनील कुमार (87 किग्रा), अंतिम पंघाल (53 किग्रा), सोनम मलिक (62 किग्रा), अमन सहरावत (57 किग्रा) और किरण बिश्नोई (76 किग्रा) ने पदक जीते।

भारत ने 2018 में तीन पदक जीते थे जिनमें बजरंग और विनेश फोगाट के स्वर्ण पदक शामिल हैं।पुरुषों के 86 किग्रा भार वर्ग में दीपक ने क्वालीफिकेशन दौर में बहरीन के मागोमेड शारिपोव को 3 . 2 से हराया। इसके बाद इंडोनेशिया के रेंडा रियांडेस्टा को तकनीकी श्रेष्ठता से हराया और जापान के शिराइ शोता को क्वार्टर फाइनल में 7 . 3 से मात दी।सेमीफाइनल में उन्होंने उजबेकिस्तान के जवरेल शापियेव को 4 . 3 से हराया।

यश को ताजिकिस्तान के मागोमेत इवलोएव ने तकनीकी श्रेष्ठता पर हराया। उसने कंबोडिया के चेयांग चोयुन को प्री क्वार्टर फाइनल में मात दी थी ।विकी को कजाखस्तान के अलीशेर येरगली ने हराया जबकि सुमित मलिक को किर्गीस्तान के एलाल लाजारेव ने हराया। (भाषा)<>

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख