वृषभ भविष्यफल 2018 : परिवार, सेहत, धन, नौकरी, प्यार, व्यापार और उपाय

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
वृषभ राशि- इ, उ, ए, ओ, व, वि, वे, वो
 
परिवार 
 
इस वर्ष पारिवारिक जीवन ठीक-ठीक रहेगा। पारिवारिक माहौल सौहार्दपूर्ण बनाए रखने में आपकी अहम भूमिका होगी, इस बात का ध्यान रखें। अपना फर्ज समझकर परिवार की सभी जरूरतों को पूरा करना आपके लिए वरदान साबित होगा। वृषभ राशि वालों के लिए शनि योगकारक ग्रह होकर अष्टम भाव में स्थित है यह स्त्री जातक के लिए उत्तम नहीं है। आर्थिक तथा पारिवारिक परेशानियां हो सकती हैं। धैर्य और बुद्धि के बल पर आप समस्या को सुलझा लेने में समर्थ होंगे। माता के साथ तालमेल बनाए रखें। माता के स्वास्थ्य में गड़बड़ी हो सकती है, सावधानी बरतें। माता-पिता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
 
स्वास्थ्य
 
यह वर्ष सेहत के लिए सामान्य रहेगा। द्वितीय भाव पर शनि की दृष्टि होने से सिर और आंखों की बीमारी हो सकती है। मार्च के अलावा सितंबर से दिसंबर महीने में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। गले संबंधी शिकायत भी हो सकती है। खान-पान पर विशेष ध्यान दें। चटपटा खाना खाने से परहेज करें। स्वास्थ्य को लेकर कोई भी लापरवाही ठीक नहीं।
 
धन-संपत्ति 
 
धन-संपत्ति के मामले में वर्ष मिश्रित फलदायी रहेगा। इन्वेस्टमेंट करने से पहले सतर्कता बरतें। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। अक्टूबर से आर्थिक मामले में सुधार होगा। अन्य स्रोतों से धन का लाभ मिलेगा। शेयर बाजार में पैसा सोच-समझकर ही लगाएं।
 
नौकरीपेशा
 
यदि आप नौकरीपेशा नहीं हैं तो आपके लिए यह वर्ष शुभ व उत्तम है। अचानक शुभ समाचार मिल सकता है। शुभ अवसर मिलेंगे। यदि आप नौकरी कर रहे हैं तो सावधानी रखना होगी। इस वर्ष आपके कर्म का स्वामी शनि अष्टम स्थान में बैठा है, इस कारण नौकरी में परेशानी हो सकती है। अधिकारी से तालमेल बनाकर रखें, यह आपके लिए फायदे का सौदा होगा। सरकारी नौकरी वाले और भी सतर्क रहें, किसी षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं।
 
व्यवसाय 
 
व्यवसाय में परिश्रम पर ध्यान दें, लाभ होगा। साझेदारी में कार्य करने के अवसर मिल सकते हैं लेकिन सावधानीपूर्वक फैसला लेना उचित होगा। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। यदि जीवनसाथी को कारोबार में भागीदार बनाते हैं तो अवश्य ही लाभ मिलेगा। सारे कार्य पूरे होंगे अत: घबराएं नहीं, बस केवल अपना कार्य ईमानदारी और लगन के साथ करते रहें।
 
सप्तमेश मंगल और द्वितीयेश बुध मारकेश है अत: यदि बुध और मंगल गोचर में अशुभ राशि में हो या अपनी नीच राशि में हो तो कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से अवश्य ही बचें। गुरु अष्टमेश होकर षष्ट भाव में है अत: आर्थिक परेशानी आ सकती है। 
 
अशुभ स्थिति में यह उपाय करें
 
कच्ची जमीन पर प्रति शनिवार तिल का तेल गिराएं। 3 मुट्ठी कच्चा कोयला बहते पानी में डालने से शुभ फल मिलने लगेंगे।
 

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