Hanuman Chalisa

दर्शन मात्र से नौ ग्रहों की शांति करते हैं उज्जैन में स्थित नौ नारायण....

Webdunia
पुरुषोत्तम मास में जहां दान धर्म आदि करने का उल्लेख पुराणों में किया गया है वहीं विभिन्न यात्राएं भी इसी माह में होती है। नौ नारायण यात्रा प्रमुख है। नौ नारायणों के दर्शन करने से नौ ग्रहों की शांति हो जाती है। इनकी पंचोपचार पूजा करना चाहिए। पूजा या यात्रा के साथ दान का भी महत्व शास्त्रों में बताया गया है। नौ नारायण भगवान विष्णु के विभिन्न स्वरूप हैं। ये नौ स्वरूप उज्जैन में ही विराजित है। 
 
- लीला पुरुषोत्तम नारायण : पुरुषोत्तमनारायण मंदिर हरसिद्धि मंदिर के समीप स्थित है। करीब 200 वर्ष इस पुराने मंदिर में पुरुषोत्तममास के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है। यहां दर्शन व पूजा करने से हर प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 
 
- अनंतनारायण : अनंतपेठ स्थित अनंतनारायण मंदिर 300 वर्ष से अधिक पुराना है। यहां अधिक मास के अलावा हरियाली अमावस्या तथा अनंत चतुर्दशी पर पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इनके दर्शन व पूजा करने से अनंत सुख मिलता है। 
 
- सत्यनारायण : सत्यनारायण मंदिर ढाबा रोड पर है। लगभग 200 साल पुराने इस मंदिर में प्रतिदिन ही श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। सत्यनारायण के दर्शन करने या यहां कथा श्रवण करने से सुख समृद्धि की कामना पूर्ण होती है। 
 
- चतुर्भुजनारायण : चतुर्भुजनारायण मंदिर भी ढाबा रोड पर ही है। इस प्राचीन मंदिर में भी नौ नारायण करने वाले यात्रियों की संख्या कम नहीं होगी। इनके दर्शन करने से चारों तरफ ख्याति मिलती है। 
 
- आदिनारायण : सेंट्रल कोतवाली के समक्ष स्थित आदिनारायण मंदिर में दर्शन या पूजा करने से समस्त दुःखों का नाश होता है। मंदिर काफी पुराना है। 
 
- शेषनारायण : क्षीरसागर परिक्षेत्र में है शेषनारायण मंदिर। लगभग पांच सौ वर्ष पुराने इस मंदिर में भगवान विष्णु शेषनाग पर विश्राम कर रहे हैं। सामने बैठी माता लक्ष्मी उनके चरण दबा रही है। यहां अद्भुत स्वरूप के दर्शन होते हैं। 
 
- पद्मनारायण : पद्मनारायण मंदिर भी क्षीरसागर पर ही है। इस प्राचीन मंदिर में भगवान विष्णु का स्वरूप निराला है। यहां यात्रा व दर्शन  करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। 
 
- लक्ष्मीनारायण : गुदरी चौराहा पर है लक्ष्मीनारायण मंदिर। यहां नियमित दर्शन या आराधना करने वाले व्यक्ति को किसी बात की कमी नहीं रहती है। मूर्ति चमत्कारी है। 
 
- बद्रीनारायण : बक्षी बाजार में बद्रीनारायण मंदिर है। यह मंदिर भी काफी पुराना है। नौ नारायण की यात्रा करने वाले यात्री यहां पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Astrology 2026: सूर्य गोचर 2026 की मुख्य तिथियां

Budh vakri gochar 2025: बुध ग्रह ने चली वक्री चाल, जानिए क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

Nag Diwali 2025: नाग दिवाली क्या है, क्यों मनाई जाती है?

Dreams and Destiny: सपने में मिलने वाले ये 5 अद्‍भुत संकेत, बदल देंगे आपकी किस्मत

Sun Transit 2025: सूर्य के वृश्‍चिक राशि में जाने से 5 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

सभी देखें

नवीनतम

Birthday 20 November | 20 नवंबर 2025 : आपका जन्मदिन

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 20 नवंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Pradosh Vrat December 2025: दिसंबर माह में पड़ेंगे दो प्रदोष व्रत, जानें महत्वपूर्ण तिथियां और महत्व

Mesh Rashi Varshik rashifal 2026 in hindi: मेष राशि 2026 राशिफल: बृहस्पति से मिलेगा साढ़ेसाती को काबू में रखने का उपाय

Agahan Maas: पुण्य फलदायक है मार्गशीर्ष अमावस्या, जानें इस माह से जुड़ी पौराणिक कथा, जानकारी

अगला लेख