प्रमुख 9 श्राप जिसके कारण नहीं होती संतान की प्राप्ति

अनिरुद्ध जोशी
रविवार, 26 जनवरी 2020 (14:36 IST)
ज्योतिष मान्यता के अनुसार वैसे तो कई तरह के श्राप या योग बताए गए हैं जिसके चलते पहले तो संतान नहीं होती है, संतान हो जाती है तो संतान को कष्ट होता है या संतान की मृत्यु भी हो सकती है। पराशर संहिता में भी कुछ इसी तरह के शापों का वर्णन किया गया है।
 
 
1. सर्प शाप : इस शाप के प्रमुख आठ योग या प्रकार बताए गए हैं। यह योग राहु के कारण बनता है। इसके लिए नाग प्रतिमा बनाकर विधिपूर्वक पूजा की जाए और अंत में हवन कर दान किया जाए तो इस शाप का प्रभाव नष्ट हो जाता है। इससे नागराज प्रसन्न होकर कुल की वृद्धि करते हैं।
 
 
2. पितृ शाप : कहते हैं कि यदि किसी जातक ने गतजन्म में अपने पिता के प्रति कोई अपराध किया है तो उसे इस जन्म संतान कष्ट होता है। यह कुल मिलाकर 11 योग या दोष है। यह दोष या योग सूर्य से संबंधित है। इसके अलावा अष्टम स्थान में राहु या अष्टमेश राहु से पापाक्रांत हो तो इसको पितृ दोष या पितर शाप भी कहा गया है। इसके उपाय हेतु पितृश्राद्ध करना चाहिए।
 
 
3. मातृ शाप : ज्योतिष मान्यता अनुसार पंचमेश और चंद्रमा के संबंधों पर आधारित यह योग बनता है। मंगल, शनि और राहु से बनने वाले ये कुल 13 प्रकार के योग है। गत जन्म में किसी जातक ने यदि माता को किसी भी प्रकार से कष्ट दिया है तो यह योग बनता है। इसके उपाय के लिए माता की सेवा करना जरूरी है। इसके अलावा उक्त ग्रहों की शांति कराएं।
 
4. भ्रातृ शाप : यह योग भी कुल 13 प्रकार का है जो कि पंचम भाव, मंगल और राहु के चलते बनता है। यदि किसी जातक ने गतजन्म में अपने भाई के प्रति कोई अपराध किया है तो यह शाप बनता है। इसके उपाय हेतु हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करें, हरिवंश पुराण का श्रवण करें, चान्द्रायण व्रत करें, पवित्र नदियों के किनारे शालिग्राम के सामने पीपल वृक्ष लगाएं तथा पूजन करें।
 
5. मामा का शाप : यह योग पंचम भाव में बुध, गुरु, मंगल एवं राहु और लग्न में शनि के चलते बनता है। इस योग में शनि-बुध का विशेष योगदान होता है। कहते हैं कि‍ पिछले जन्म में जातक ने अपने मामा को किसी भी प्रकार से घोर कष्ट दिया होगा तो यह कुंडली में योग बना। इसके उपाय हेतु तालाब, बावड़ी, कुआं आदि बनवाने का विधान है। उसे बनवाकर वहां भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना करें। 
 
6. ब्रह्म शाप : यह योग या दोष कुल 7 प्रकार का होता है। नवें भाव में गुरु, राहु या पाप ग्रहों से यह योग बनता हैं। कहते हैं कि गत जन्म में किसी भी जातक ने यदि किसी ब्राह्मण को घोर कष्ट दिया है तो यह शाप बनता है। इसकी शांति हेतु पितृ शांति करें और फिर प्रायश्चित स्वरूप ब्राह्मणों को भोज कराकर उन्हें दक्षिणा दें।
 
7. पत्नी का शाप : यह कुल 11 प्रकार का दोष या योग है जो सप्तम भाव में पाप ग्रहों के चलते बनता है। कहते हैं कि यदि किसी जातक ने गत जन्म में अपनी पत्नी को मृत्यु तुल्य कष्ट दिया होगा तो ही यह योग बना। इसके उपाय हेतु कन्याओं को भोज कराएं और किसी कन्या का विवाह कराएं। इसका उपाय किसी ज्योतिष से पूछें।
 
8. प्रेत शाप : यह कुल 9 योग बताए गए हैं। खासकर यह दोष सूर्य और नवें भाव से संबंधित हैं। कहते हैं कि जो जातक अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करता है वह अगले जन्म में अपुत्र हो जाता है। इस दोष की निवृत्ति के लिए पितृश्राद्ध करें।
 
9. ग्रह दोष : यह योग कई प्रकार का होता है। यदि बुध और शुक्र के दोष में संतान हानि हो रही है तो इसके लिए भगवान शंकर का पूजन, गुरु और चंद्र के दोष में संतान गोपाल का पाठ, यंत्र और औषधि का सेवन, राहु के दोष से कन्या दान, सूर्य के दोष से भगवान विष्णु की आराधना, मंगल और शनि के दोष से षडंग शतरुद्रीय जप कराने चाहिए।
 
 
संतान में रुकावट के कारण : जब पंचम भाव का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रह से युक्त हो तो वह स्त्री मां नहीं बन पाती। पंचम भाव यदि बुध से पीड़ित हो या स्त्री का सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो, तो स्त्री संतान उत्पन्न नहीं कर पाती। पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो, तथा शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्या उत्पन्न होती हैं। सप्तम भाव में सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतानोत्पत्ति में समस्या आती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akhand Samrajya Yoga: अखंड साम्राज्य योग क्या होता है, मां लक्ष्मी की कृपा से बदल जाता है भाग्य

Mangal gohchar : मंगल का मीन राशि में गोचर, 5 राशियों को होगा बहुत फायदा

Astrology : किस राशि के लोग आसानी से जा सकते हैं आर्मी में?

Vastu Tips : वास्तु के अनुसार इन 4 जगहों पर नहीं रहना चाहिए, जिंदगी हो जाती है बर्बाद

Mangal Gochar : मंगल का मीन राशि में प्रवेश, 12 राशियों का राशिफल जानें

Vastu Tips : घर बनाने जा रहे हैं तो जानें कि कितना बड़ा या किस आकार का होना चाहिए

Jupiter Transit 2024 : वृषभ राशि में आएंगे देवगुरु बृहस्पति, जानें 12 राशियों पर क्या होगा प्रभाव

Politicians zodiac signs: राजनीति में कौनसी राशि के लोग हो सकते हैं सफल?

विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने का महत्व और फायदे

Aaj Ka Rashifal: आज किसका चमकेगा भाग्य, जानें ग्रहों की चाल से 25 अप्रैल का राशिफल

अगला लेख