आमलकी एकादशी 26 को, कैसे करें व्रत-पूजन, जानिए...

Webdunia
जानिए फाल्गुन शुक्ल एकादशी का महत्व 
 
विष्णु जी ने जब सृष्टि की रचना के लिए ब्रह्मा को जन्म दिया, उसी समय उन्होंने आंवले के वृक्ष को जन्म दिया। आंवले को भगवान विष्णु ने आदि वृक्ष के रूप में प्रतिष्ठित किया है। इसके हर अंग में ईश्वर का स्थान माना गया है। आंवला को शास्त्रों में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। 
 
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी कहते हैं। आमलकी यानी आंवला। वर्ष 2018 में यह पर्व 26 फरवरी, सोमवार को मनाया जाएगा। आइए जानें कैसे करें इस दिन पूजन :
 
* आमलकी एकादशी व्रत के पहले दिन व्रती को दशमी की रात्रि में एकादशी व्रत के साथ भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए तथा आमलकी एकादशी के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर संकल्प करें कि मैं भगवान विष्णु की प्रसन्नता एवं मोक्ष की कामना से आमलकी एकादशी का व्रत रखता हूं। मेरा यह व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो इसके लिए श्रीहरि मुझे अपनी शरण में रखें।
 
* तत्पश्चात निम्न मंत्र से संकल्प लेने के पश्चात षोड्षोपचार सहित भगवान की पूजा करें।
 
मंत्र- 'मम कायिकवाचिकमानसिक सांसर्गिकपातकोपपातकदुरित क्षयपूर्वक श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त फल प्राप्तयै श्री परमेश्वरप्रीति कामनायै आमलकी एकादशी व्रतमहं करिष्ये' 
 
* भगवान की पूजा के पश्चात पूजन सामग्री लेकर आंवले के वृक्ष की पूजा करें। सबसे पहले वृक्ष के चारों की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें।

 
* पेड़ की जड़ में एक वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करें। इस कलश में देवताओं, तीर्थों एवं सागर को आमंत्रित करें। 
 
* कलश में सुगंधी और पंच रत्न रखें। इसके ऊपर पंच पल्लव रखें फिर दीप जलाकर रखें। कलश पर श्रीखंड चंदन का लेप करें और वस्त्र पहनाएं।
 
* अंत में कलश के ऊपर श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्वर्ण मूर्ति स्थापित करें और विधिवत रूप से परशुरामजी की पूजा करें। 
 
* रात्रि में भगवत कथा व भजन-कीर्तन करते हुए प्रभु का स्मरण करें। 
 
* द्वादशी के दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन करवा कर दक्षिणा दें साथ ही परशुराम की मूर्तिसहित कलश ब्राह्मण को भेंट करें। इन क्रियाओं के पश्चात परायण करके अन्न जल ग्रहण करें। 
 
भगवान विष्णु ने कहा है जो प्राणी स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं, उनके लिए फाल्गुन शुक्ल पक्ष में जो पुष्य नक्षत्र में एकादशी आती है उस एकादशी का व्रत अत्यंत श्रेष्ठ है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

Malmas : दिसंबर में कर लें विवाह नहीं तो लगने वाला है मलमास, जानें क्या करें और क्या नहीं

वायरल हो रही है 3 राशियों की भविष्यवाणी, बाबा वेंगा ने बताया 2025 में अमीर बन जाएंगी ये राशियां

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

सभी देखें

नवीनतम

वर्ष 2025 में बृहस्पति का मिथुन राशि में होगा गोचर, जानिए 12 राशियों का राशिफल

शनि ग्रह के गोचर से कैसे बदला देश और दुनिया का भविष्य, जानिए इतिहास और अब मीन में जाने से क्या होगा?

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए प्रसन्नता भरा रहेगा दिन, पढ़ें 30 नवंबर का राशिफल

30 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

30 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख