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अटल बिहारी वाजपेयी : खास है उनके जीवन में अंक 4 की भूमिका

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पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के जीवन में अंक 4 की भूमिका कैसी और कितनी है, यह रोचक और जानने योग्य है-
 
1. पहली घटना है जब चुनाव परिणामों के बाद राष्ट्रपति ने फैक्स संदेश देकर अटलजी को 10-3-1998 (10+3+1+9+9+8=40=4) को बुलाया। अटलजी इसी दिन राष्ट्रपतिजी से मिले। उन्होंने समर्थन देने वालों की सूची मांगी।
 
2. 4 दिन बाद 14 मार्च को अन्नाद्रमुक ने समर्थन पत्र राष्ट्रपतिजी को दिया।
 
3. अटलजी ने 19-3-1998 (=40=4) को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
 
4. भाजपा व सहयोगी दलों का नेशनल एजेंडा 13 (1+3=4) दलों द्वारा प्रस्तुत व स्वीकृत किया गया।
 
5. विश्वास मत पर मतदान भी अंक 4 भाग्यांक वाले दिन 28-3-1998 (=40=4) को हुआ।
 
6. विश्वास मत के पक्ष में 274 (=13=4) वोट मिले यानी 4।
 
7. अटलजी ने विश्वास मत 274-261=13 (यानी 4) वोटों से जीता।
 
8. आश्चर्य तो तब होता है, जब उस दिन मतदान करने वालों की संख्या 535 भी 4 भाग्यांक वाली है। (5+3+5=13=4)।
 
9. 4 पार्टियों (जनता पार्टी, भाजपा, अकाली दल और नेशनल कांफ्रेंस) के किसी न किसी सदस्य ने मतदान में भाग नहीं लिया।
 
10. अप्रत्याशित रूप से तेदेपा के 11 व 2 मनोनीत कुल 13 (=4) सदस्यों ने अटलजी के पक्ष में वोट दिया।
 
11. सन् 1991 में नरसिंहराव को विश्वास मत मिलने से लेकर तब तक हुए 6 विश्वास मत में से प्रधानमंत्री वाजपेयीजी की विजय चौथी बार विजय है।
 
12. वाजपेयी के मंत्रिमंडल में 4 महिला मंत्री थीं (सुषमा स्वराज, मेनका गांधी, वसुंधरा राजे और उमा भारती।) 
 
13. यह जानना रोचक व आश्चर्यजनक होगा कि अटलजी की सरकार 13 दिन (=4) में दिनांक 28-5-1996 (=40=4) को भाग्यांक 4 वाले दिन ही गिरी थी।
 
14. सन् 1996 में जब वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे तो वे देश के 13वें प्रधानमंत्री थे।
 
15. प्रधानमंत्री बनने वाले अटलजी देश के 13वें व्यक्ति (3+1=4) हैं। (नेहरू, नंदा, शास्त्री, इंदिरा गांधी, चरणसिंह, मोरारजी देसाई, राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, नरसिंहराव, देवेगौड़ा, गुजराल और अटलजी)। 
 
16. यह जानकर आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे कि अटलजी ने अपना संसदीय जीवन 4 भाग्यांक वाले वर्ष 1957 (1+9+5+7=22=4) में प्रारंभ किया था।
 
17. और तो और, वाजपेयीजी अपने माता-पिता के चौथे पुत्र हैं- 1. अवधबिहारी, 2. सदाबिहारी, 3 प्रेमबिहारी, 4. अटलबिहारी।
 
18. वाजपेयी का जन्म दिसंबर के चौथे सप्ताह में तथा रात्रि के चौथे प्रहर में हुआ था।
 
19 संसद के लिए 4576 (4+5+7+6+=22=4) उम्मीदवार मैदान में थे।
 
20. जब वे चुनावी मैदान में थे तब देश के 4 पूर्व प्रधानमंत्रियों ने चुनाव लड़ा और चारों जीते। (चंद्रशेखर, देवेगौड़ा, गुजराल और अटलजी)।
 
21. मध्यप्रदेश से 40 और उत्तरप्रदेश से 85 (8+5=13=1+3=4) सांसद चुने जाते हैं। क्या यह उल्लेखनीय नहीं है कि वाजपेयी के दल को सर्वाधिक सफलता यहीं मिली।
 
22. वाजपेयी के मंत्रिमंडल का शपथ लग्न 2 और नवांश लग्न 11 है जिनका योग भी 13=4 होता है। अस्तु इस सरकार के लिए अंक 4 अर्थात 4था दिन, 4था माह और 4था वर्ष अतिमहत्वपूर्ण है। सरकार का 13वां, 22वां, 31वां, 40वां, 40वां, 49वां और 58वां माह भी विशेष घटनाओं के लिए जाना जाएगा।
 
23 . 2014 में उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई थी और 27 मार्च, 2015 को उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
 
 
 
-प्रबोध मिश्र- धार

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