वास्तु के अनुसार चांदी के नाग-नागिन के जोड़े कब और कैसे रखें

Webdunia
मंगलवार, 2 अगस्त 2022 (18:12 IST)
Vastu Puja : वास्तु और ज्योतिष के अनुसार चांदी के नाग नागिन के जोड़ों के कई उपयोग हो सकते हैं। आओ जानते हैं कि चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को कब और कैसे और कहां रखना चाहिए।
 
1. पूजा : चांदी के नाग-नागिन के जोड़ों को पूजाघर में उचित स्थान पर रखकर विधिवत रूप से गुग्गल की धूप देकर पूजा करने, कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित से कालसर्प दोष और सर्पदोष दूर होता है। सर्प भय नहीं रहता और बुरे स्वप्न भी नहीं आते हैं। पितृदोष भी दूर होता है।
 
2. दान : पंचमी के दिन चांदी का बना नाग-नागिन का जोड़ा किसी विप्र को या किसी मंदिर में दान करना बेहद शुभ माना जाता हैं। इससे आ‍पकी आर्थिक तंगी दूर होकर आपको धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाएगी।
 
3. वास्तु : मकान बनाने के पूर्व नींव खोदी जाती है और उस नींव में वास्तु के अनुसार धातु का एक सर्प और कलश रखा जाता है। चांदी का सर्प इसलिए खते हैं क्योंकि नागदेव ने ही धरती के आधार माने जाते हैं। सातों पाताल के राजा नाग ही है। इसीलिए नींव पूजन के दौरान प्रतिकात्मक रूप से शेषनाग की आकृति को कलश के साथ रखा जाता है। इसमें यही भाव रहता है कि जैसे शेषनाग अपने फण पर संपूर्ण पृथ्वी को धारण किए हुए है और रक्षा किए हुए हैं उसी उसी प्रकार मेरे इस भवन की भी रक्षा करें। 
 
4. शेषनाग : नींव को भरने से पहले उसमें चांदी का बना हुआ नाग-नागिन का जोड़ा दबाया जाता है। माना जाता है कि जिस प्रकार से भगवान कृष्ण की रक्षा शेषनाग ने की थी उसी प्रकार से यह भी घर को हर प्रकार की बलाओं से बचाएगा। नींव में चांदी के नाग बनाकर रखा जाता है। उसके साथ विष्णुरूपी कलश कलश को क्षीरसागर का भी प्रतीक माना है जिसमें जल और दूध मिला होता है और उसमें जो सिक्का रखा जाता है वह देवी लक्ष्मीजी का प्रतीक है। तीनों का विधिवत रूप से पूजन होता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस साल क्यों खास है राम नवमी? जानिए कैसे भगवान राम की कृपा से जीवन में आ सकती है समृद्धि

मंगल का कर्क राशि में गोचर: 5 राशियों के लिए रहेगा 45 दिनों तक चुनौती भरा समय

राहु का कुंभ राशि में गोचर: 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

रावण को मारने के लिए श्री राम को क्यों चलाने पड़े 32 बाण, जानिए रामायण के 32 बाणों का रहस्य

नरेंद्र मोदी के बाद इन 3 में से कौन बन सकता है अगला प्रधानमंत्री, किसके सितारे हैं बुलंदी पर?

सभी देखें

नवीनतम

05 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

05 अप्रैल 2025, शनिवार के मुहूर्त

मंगल के राशि परिवर्तन से क्या होगा देश और दुनिया का हाल

कल या परसों, कब है महाअष्टमी?

नवरात्रि की आठवीं देवी महागौरी की पूजा विधि, भोग, मंत्र, स्वरूप और आरती

अगला लेख