गणेशजी को ये 5 चीजें अर्पित करने से वे हो जाते हैं प्रसन्न

अनिरुद्ध जोशी
बुधवार का दिन,  चतुर्थी तिथि गणेशजी के खास समय है। इस दिन इनकी विशेष पूजा करना चाहिए। पूजा करने के दौरान गणेशजी को विशेष वस्तुएं अर्पित की जाती है जो कि उनके पसंद की होती है। इन वस्तुओं को अर्पित करने से गणपतिजी प्रसन्न हो जाते हैं। आओ जानते हैं कि वे 5 वस्तुएं कौनसी है।
 
 
1. मोदक के लड्डू : गणेशजी को मोदक या लड्डू का नैवेद्य अच्छा लगता है। मोदक भी कई तरह के बनते हैं। महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं। मोदक के अलावा गणेशजी को मोतीचूर के लड्डू भी पसंद हैं। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। इसके अलावा आप उन्हें बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं। नारियल, तिल और सूजी के लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते हैं। गणेशजी को घी और गुड़ का भोग भी लगाया जा सकता है। 
 
2. दुर्वा : गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा है। गणेश जी को दूर्वा बहुत ही प्रिय है। दूर्वा के ऊपरी हिस्से पर तीन या पांच पत्तियां हों तो बहुत ही उत्तम है।
 
3. फूल : आचार भूषण ग्रंथ के अनुसार भगवान श्रीगणेश को तुलसीदल को छोड़कर सभी प्रकार के फूल चढाएं जा सकते हैं। पद्मपुराण आचाररत्न में भी लिखा है कि ‘न तुलस्या गणाधिपम’अर्थात् तुलसी से गणेश जी की पूजा कभी न करें। हालांकि अक्सर उन्हें गेंदे के फूल चढ़ाए जाते हैं। 
 
4. केले : गणेशजी को केले बहुत पसंद है। उन्हें कभी भी एक केला ना अर्पित करें। जोड़े से केले चढ़ाएं। 
 
5. सिंदूर करें अर्पित : गणेशजी को सिंदू भी अर्पित किया जाता है। सिंदूर मंगल का प्रतीक होता है। गणपति को सिन्‍दूर लेपन के विषय में शिवपुराण में एक श्‍लोक मिलता है। इसके मुताबिक ‘आनने तव सिन्‍दूरं दृश्‍यते साम्‍प्रतं यदि। तस्‍मात् त्‍वं पूजनीयोअसि सिन्‍दूरेण सदा नरै:।।’ अर्थात् जब भोलेनाथ ने जी गणेश जी का सिर काट दिया और हाथी का सिर लगाया तब उसमें पहले से ही सिंदूर का लेपन हो रहा था। मां पार्वती ने जी जब उस सिंदूर को देखा तो उन्‍होंने गणपति जी से कहा कि उनके मुख पर जिस सिन्‍दूर का विलेपन हो रहा है, मनुष्‍य उसी सिन्‍दूर से सदैव उनकी पूजा करेंगे। इस तरह से श्री विघ्‍नहर्ता को सिन्‍दूर का विलेपन किया जाता हैं। 
 
इसके अलावा सुपारी, साबुत हल्दी, मौली का धागा और जनेऊ भी अर्पिक की जाती है। जय गणेश।  

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु पूर्णिमा कब है, जानिए गुरु पूजन विधि और मुहूर्त

138 दिन तक शनि की वक्री चाल, 5 राशियों को रहना होगा बचकर, जानिए उपाय

शिवलिंग पर बिल्वपत्र क्यों चढ़ाया जाता है, जानिए बेलपत्र की कथा

देवशयनी एकादशी व्रत में छिपे हैं स्वास्थ्य और अध्यात्म के रहस्य, पढ़ें 5 लाभ

सावन में अपनी राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पाएं महादेव का विशेष आशीर्वाद

सभी देखें

नवीनतम

01 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

01 जुलाई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

मासिक दुर्गाष्टमी क्या है, जानें महत्व, कारण और मान्यताएं

बृहस्पति का मिथुन राशि में उदय, 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत

सावन माह में शिवलिंग पर कितनी चीजें कर सकते हैं अर्पित

अगला लेख