यह जल में मिलाकर नहाने से होते हैं ग्रहदोष दूर, जानिए 9 ग्रहों के लिए 9 तरह के औषधि स्नान

पं. हेमन्त रिछारिया
हमारे शास्त्रों में मानसिक शुद्धि के साथ ही शारीरिक शुचिता को भी बहुत महत्त्व दिया गया है। कहते हैं स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है और शरीर के स्वस्थ रहने के लिए शरीर को स्वच्छ रखना बहुत आवश्यक है। शारीरिक स्वच्छता में स्नान की अग्रणी भूमिका है।

प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक स्वच्छता के लिए प्रतिदिन स्नान करना आवश्यक है। हमारे शास्त्रों में स्नान किए बिना मन्दिर प्रवेश, पूजा-पाठ व भोजन करने का निषेध बताया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विधिपूर्वक किया गया स्नान जन्मपत्रिका के ग्रहजनित दोषों को दूर करने में सहायक होता है... आज हम वेबदुनिया के पाठकों के लिए ग्रहजनित दोषों को दूर करने के लिए स्नान की कुछ विशेष प्रक्रिया का वर्णन करेंगे। 
 
-नवग्रह शांति विधान में जन्मपत्रिका के अनिष्ट ग्रहों के दुष्प्रभावों का शमन करने के लिए औषधि स्नान की प्रक्रिया है जिसमें अनिष्ट ग्रह से सम्बन्धित सामग्री के मिश्रित जल से स्नान किया जाता है। इन सामग्रियों को प्रतिदिन स्नान के जल में मिश्रित कर स्नान करने से अनिष्ट ग्रहों के दुष्प्रभाव में कमी आती है। आइए जानते हैं कि नवग्रहों की शांति के लिए कौन-कौन सी सामग्रियां स्नान के जल में मिलाने से लाभ होता है-

1. सूर्य- सूर्य के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में इलायची,केसर,रक्त-चन्दन,मुलेठी एवं लाल पुष्प मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
2. चन्द्र- चन्द्र के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में पंचगव्य, श्वेत चन्दन एवं सफ़ेद पुष्प मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
3. मंगल- मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में रक्त-चन्दन,जटामांसी,हींग व लाल पुष्प मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
4. बुध- बुध के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में गोरोचन,शहद,जायफ़ल एवं अक्षत मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
5. गुरु- गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में हल्दी,शहद,गिलोय,मुलेठी एवं चमेली के पुष्प मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
6. शुक्र- शुक्र के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में जायफ़ल, सफ़ेद इलायची,श्वेत चन्दन एवं दूध मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
7. शनि- शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में सौंफ़, खसखस, काले तिल एवं सुरमा मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
8. राहु- राहु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में कस्तूरी,गजदन्त,लोबान एवं दूर्वा मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।
 
9. केतु- केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्नान के जल में रक्त चन्दन एवं कुशा मिलाकर स्नान करने से लाभ होता है।

-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Hanuman jayanti : हनुमान जन्मोत्सव को जयंती कहना ही सही है?

Mahavir jayanti 2024: भगवान महावीर स्वामी अपने पूर्वजन्म में क्या थे?

Hanuman Jayanti : हनुमान जन्मोत्सव पर उन्हें अर्पित करें 5 तरह के भोग

चैत्र पूर्णिमा 2024: जीवन का हर काम आसान बनाएंगे श्री हनुमान जी के 10 उपाय

Hanuman jayanti 2024: हनुमान जयंती कैसे मनाएं, जानें नियम और पूजा विधि

21 अप्रैल 2024 : आपका जन्मदिन

21 अप्रैल 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Vastu Tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में 2 वास्तु यंत्र रखने से होता है वास्तु दोष दूर

Hanuman jayanti : हनुमान जयंती पर इन 4 राशियों पर रहेगी अंजनी पुत्र की विशेष कृपा, व्यापार और नौकरी में होगी तरक्की

Atigand Yog अतिगंड योग क्या होता है, बेहद अशुभ और कष्टदायक परन्तु इन जातकों की बदल देता है किस्मत

अगला लेख