Jupiter Transit In Capricorn : गुरु का मकर राशि में प्रवेश, जानिए क्या होगा इस गोचर का असर

पं. हेमन्त रिछारिया
20 नवंबर 2020 : आज गुरु का अपनी नीचराशि मकर राशि में प्रवेश-
 
किन जातकों के विवाह में गुरु का गोचर बनेगा बाधक-
 
नवग्रहों के गोचर में देवगुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन अर्थात् गोचर बहुत महत्व रखता है। गुरु एक राशि में 1 वर्ष पर्यंत रहने के उपरांत अपनी राशि परिवर्तित करते हैं। गुरु धनु व मीन राशि के स्वामी होते हैं। 
 
कर्क राशि में गुरु उच्च के एवं मकर राशि में गुरु नीचराशिस्थ होते हैं। 
 
स्त्री जातकों की जन्मपत्रिका में गुरु की स्थिति अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। गुरु स्त्री जातकों के लिए पति का नैसर्गिक कारक होते हैं। स्त्री जातकों को पतिसुख प्राप्त होने में गुरु की विशेष भूमिका होती है। यदि किसी स्त्री जातक की कुंडली में गुरु अस्त, वक्री, निर्बल या अशुभ भावों में स्थित होते हैं तो उसे पतिसुख प्राप्त होने में बाधाएं आती हैं। गुरु बुद्धि व विवेक के भी प्रतिनिधि होते हैं। जन्मपत्रिका में सबल गुरु का होना विद्वत्ता व बुद्धिमत्ता का द्योतक होता है।
 
20 नवंबर को करेंगे गुरु मकर राशि में प्रवेश-
 
आज 20 नवंबर 2020 को मध्यान्ह 1 बजकर 24 मिनट पर देवगुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे। विगत 1 वर्ष से गुरु धनु में राशि में स्थित थे। गुरु का यह गोचर स्त्री जातकों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण रहेगा। स्त्री जातकों के विवाह में त्रिबल शुद्धि हेतु गुरुबल में गुरु का राशि परिवर्तन विशेष महत्त्व रखेगा। 
 
शास्त्रानुसार त्रिबल शुद्धि में गुरु के अपूज्य स्थिति में होने पर स्त्री जातक का विवाह वर्जित माना गया है। वहीं पूज्य स्थानों में होने पर गुरु की शांति के उपरांत ही स्त्री जातक का विवाह करने का निर्देश है। जिसे प्रचलित भाषा में पीली पूजा कहा जाता है।विद्वान अत्यंत आवश्यक होने पर देश-काल-परिस्थिति अनुसार अपूज्य स्थानों में होने पर भी पीली पूजा अर्थात् गुरु का शांति अनुष्ठान कर विवाह करने का परामर्श दे देते हैं।
 
किन राशि वाले जातकों के विवाह में बाधक बनेंगे गुरु-
 
जिन स्त्री जातकों की राशि से गुरु अपूज्य स्थान अर्थात् 4,8,12 में गोचर करेंगे उन स्त्री जातकों का विवाह 1 वर्ष के लिए वर्जित रहेगा। वहीं जिन स्त्री जातकों की राशि से गुरु पूज्य स्थान अर्थात् 1,3,6,10 में गोचर करेंगे उनका विवाह गुरु शांति अनुष्ठान (पीली पूजा) संपन्न करने के उपरांत हो सकेगा। शेष राशि वाले स्त्री जातकों के लिए गुरु शुभ रहेंगे। आइए अब जानते हैं कि 11 अक्टूबर को होने वाला गुरु का गोचर किन राशियों की स्त्री जातकों के विवाह में बाधा बनेगा।
 
1. अपूज्य- तुला, मिथुन, कुंभ (विवाह वर्जित)
2. पूज्य- मकर, वृषभ, सिंह, मेष (गुरु की शांति के उपरांत विवाह)
उपर्युक्त राशियों के अतिरिक्त शेष राशियों वाले जातकों के लिए गुरु का गोचर विवाह हेतु शुभस्थान में रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

lunar eclipse 2025: वर्ष 2025 में कब लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा

Makar Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मकर राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Budh vakri 2024: बुध वृश्चिक में वक्री, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

Dhanu Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: धनु राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सभी देखें

नवीनतम

26 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

2025 predictions: बाबा वेंगा की 3 डराने वाली भविष्यवाणी हो रही है वायरल

26 नवंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

परीक्षा में सफलता के लिए स्टडी का चयन करते समय इन टिप्स का रखें ध्यान

Education horoscope 2025: वर्ष 2025 में कैसी रहेगी छात्रों की पढ़ाई, जानिए 12 राशियों का वार्षिक राशिफल

अगला लेख