ये 6 समय काली पूजा के, सावधानी रखें

अनिरुद्ध जोशी
प्रत्येक देवी और देवताओं को पूजने के कुछ खास समय, वार, तिथि, त्योहार आदि होते हैं। इस समय उनका सम्मान रखना जरूरी है। कई लोग इस समय बुरे कार्यों में रत रहते हैं जैसे मदिरापान करना आदि। माता कालिका का भी समय होता है। आओ जानते हैं कि किन पांच समय में उनकी पूजा, साधना या आराधना करने से वह तुरंत ही प्रसन्न होती हैं।
 
ALSO READ: शनिवार को करें माता कालिका का ये उपाय, शनि, कालसर्प और पितृदोष से मिलेगी मुक्ति
1. वार : शु‍क्रवार को माता कालिका की विशेष पूजा आराधना की जाती है। मध्य रात्रि का समय भी कालिका का समय होता है।
 
2. तिथि : अमावस्या की तिथि माता कालिका की विशेष तिथि हैं क्योंकि माना जाता है कि इसी तिथि में उनकी उत्पत्ति हुई थी।
 
3. त्योहार : दीपावली की अमावस्या को माता कालिका की विशेष पूजा और साधना होती है। इसी दिन माता काली भी प्रकट हुई थी इसलिए बंगाल में दीपावली के दिन कालिका की पूजा का प्रचलन है। यह भी मान्यता है कि इसी दिन देवी काली 64,000 योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं। इस दिन को महानिशा पूजा कहा जाता है।
 
ALSO READ: इन 15 पॉइंट में जानिए माता कालिका का संपूर्ण परिचय
4. कार्तिक माह की काली चौदस : नरक चतुर्दशी या काली चौदस को बंगाल में मां काली के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके कारण इस दिन को काली चौदस कहा जाता है। इस दिन मां काली की आराधना का विशेष महत्व होता है।
 
5. गुप्त नवरात्रि : माता कालिका की विशेष साधना गुप्त नवरात्रि में होती है। हिन्दू मास अनुसार अषाढ़ और माघ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। माता कालिका दस महाविद्याओं में से एक प्रथम देवी है। 
 
6. नवरात्रि : चैत्र और अश्विन माह की नवरात्रि के सातवें दिन भी माता कालिका की पूजा की जाती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

गुरु, राहु, केतु, सूर्य और बुध करेंगे इस सप्ताह राशि परिवर्तन, क्या होगा कुछ बड़ा?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

पिशाच योग, खप्पर योग, षडाष्टक योग और गुरु के अतिचारी होने से होगा महायुद्ध?

सभी देखें

नवीनतम

17 मई 2025 : आपका जन्मदिन

17 मई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

केतु का सिंह राशि में गोचर, इन 3 राशियों के खुल जाएंगे भाग्य

बाबा वेंगा की साइलेंट किलर वाली भविष्यवाणी हुई सच! जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2025

अगला लेख