खर मास में शुभ कार्य वर्जित क्यों है ....

आचार्य राजेश कुमार
सूर्यदेव के गुरु की राशि में प्रवेश करते ही 15 मार्च 2018 से खरमास शुरू हो गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य जब गुरु की राशि धनु या मीन में विराजमान रहते है तो उस घड़ी को खरमास माना जाता है और खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। यह मास 14 अप्रैल 2018 तक रहेगा। 
 
इस माह में सूर्यदेव की उपासना से मिलता है सर्वश्रेष्ठ फल :-
 
खरमास की इस अवधि में जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, नव गृह प्रवेश, विवाह आदि नहीं करना चाहिए। इसे शुभ नही माना गया है। वहीं विवाह आदि शुभ संस्कारों में गुरु एवं शुक्र की उपस्थिति आवश्यक बतायी गई है। ये सुख और समृद्धि के कारक माने गए हैं। खरमास में धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, किंतु मंगल शहनाई नहीं बजती।  इस माह में सभी राशि वालों को सूर्यदेव की उपासना अवश्य करनी चाहिए। 
 
 
गुरु का ध्यान सूर्यदेव पर : 
 
इसका एक धार्मिक पक्ष यह भी माना जाता है कि जब सूर्यदेव बृहस्पति के घर में प्रवेश करते हैं जो देव गुरु का ध्यान एवं संपूर्ण समर्पण उन पर ही केंद्रित हो जाता है। इससे मांगलिक कार्यों पर उनका प्रभाव सूक्ष्म ही रह जाता है जिससे इस दौरान शुभ कार्यों का विशेष लाभ नहीं होता। इसलिए भी खरमास में मंगल कार्यों को करना उत्तम नहीं बताया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध में थीं ये 10 समानताएं

श्री महावीर जी: भगवान महावीर के अतिशय क्षेत्र की आध्यात्मिक यात्रा

सत्य, अहिंसा और ज्ञान का उत्सव: 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती, जानें महत्व और कैसे मनाएं?

हनुमान जयंती पर कौन सा पाठ करें जिससे कि हनुमानजी तुरंत हो जाएं प्रसन्न

हनुमान जन्मोत्सव 2025: अपने करीबियों को भेजें बजरंगबली की भक्ति से भरी ये 20 सबसे सुंदर शुभकामनाएं

सभी देखें

नवीनतम

11 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

11 अप्रैल 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

एसी और कूलर के बैगर गर्मी में घर को कैसे बनाएं रखें ठंडा, जानिए खास उपाय

हनुमान जयंती पर आजमाए हुए 5 अचूक उपाय, अलाबला से मिलेगी मुक्ति

अक्षय तृतीया कब है, जानिए खरीदारी के शुभ मुहूर्त

अगला लेख